घर में खड़ी है महंगी कार, फिर भी कर रहे गोल्डन कार्ड का इंतजार
अटल आयुष्मान योजना आम आदमी को निश्शुल्क बेहतर उपचार दिलाने के लिए लागू की गई है लेकिन इसका लाभ लेने के लिए खास लोग भी जोड़तोड़ कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान योजना आम आदमी को निश्शुल्क बेहतर उपचार दिलाने के लिए लागू की गई है, लेकिन आम के साथ खास भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं। देखने में आ रहा है कि जिन लोगों के घरों में एक्सयूवी जैसी मंहगी कार खड़ी हैं और जिनकी आय 15 लाख वार्षिक है, वह भी राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना के तहत राशन कार्ड बनाने के लिए जिलापूर्ति कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। क्योंकि गोल्डन कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता की गई है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए अधिकतम वार्षिक आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। विभाग के अनुसार ऐसे आवेदनों की संख्या एक हजार पार पहुंच चुकी हैं। अब विभाग ऐसे आवेदनों को निरस्त कर रहा है।
डीएसओ कार्यालय में रोजाना दर्जनों की संख्या में एपीएल के राशन कार्ड बनवाने के आवेदन पहुंच रहे हैं। खास यह है कि इनमें अधिकांश आवेदन अपात्र परिवारों के हैं, जिनकी वार्षिक आय निर्धारित अधिकतम सीमा से दो से तीन गुना है। रोजाना आ रहे ऐसे आवेदनों से विभागीय अधिकारी खासे परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐसे आवेदनों की संख्या हजार से ऊपर पहुंच गई है जो आय निर्धारित आय से कई गुना ज्यादा है।
इसलिए नियम के तहत ऐसे आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं। राशन कार्ड की बाध्यता पर सवाल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने गोल्डन कार्ड के लिए सिर्फ राशन कार्ड का डाटा मांगे जाने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि योजना में स्पष्ट है कि गोल्डन कार्ड के लिए वोटर आइडी, आधार कार्ड, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का डाटा भी मान्य है।
लेकिन, सीएससी संचालक राशन कार्ड का डाटा ही मांग रहे। इससे उन पर बोझ बढ़ गया है उन्हें अन्य कार्य के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। जिलापूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए विभागीय कार्यालय में रोजाना अपात्र लोगों के आवेदन पहुंच रहे हैं। इनकी कई की तो वार्षिक आय 15 लाख से भी पार है। निर्धारित सीमा से अधिक आय वालों के राशन कार्ड बनाना संभव नहीं है।
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