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कोराना जागरूकता में मदद करेगा आयुष विभाग, 24 घंटे कार्य करेगी हेल्प डेस्क

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए आयुष विभाग सभी जिलों के लिए आयुष डेस्क स्थापित करेगा। इसके लिए होम्योपैथी और आयुर्वेद विभाग को 5.85 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है। यह हेल्प डेस्क 24 घंटे कार्य करेगी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 08:47 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 08:47 PM (IST)
कोराना जागरूकता में मदद करेगा आयुष विभाग, 24 घंटे कार्य करेगी हेल्प डेस्क
कोराना जागरूकता में मदद करेगा आयुष विभाग।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए आयुष विभाग सभी जिलों के लिए आयुष डेस्क स्थापित करेगा। इसके लिए होम्योपैथी और आयुर्वेद विभाग को 5.85 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है। इस हेल्प डेस्क के माध्यम से होम आइसोलेशन, विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार कराने आने वाले व्यक्तियों तथा अन्य द्वारा मांगे जाने पर 24 घंटे के भीतर आयुष चिकित्सा किट उपलब्ध कराई जाएगी। यह हेल्प डेस्क 24 घंटे कार्य करेगी। इसके साथ ही विभाग हर्रावाला स्थित राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करेगा। इसमें 20 आक्सीजन बेड रखे जाएंगे। 

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बुधवार को आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डा. हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में होम्योपैथी, आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा सेवाओं के अधिकारियों की आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक में आयुष मंत्री ने होम्योपैथी तथा आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में व्यक्तियों को कोरोना से संबंधित मुफ्त सहायता, आयुष किट तथा काउंसलिंग व अन्य जरूरी जानकारी के लिए हेल्प डेस्क बनाई जाए। इसमें आयुष चिकित्सक समेत संबंधित स्टाफ की तैनाती की जाए।

उन्होंने कहा कि हेल्प डेस्क के माध्यम से मांगे जाने पर 24 घंटे के भीतर आयुष चिकित्सा किट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मानक के अनुरूप आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक आयुष चिकित्सक उपलब्ध कराने के लिए तत्काल संविदा के माध्यम से चिकित्सकों की तैनाती की जाए। आयुष विभाग के ऐसे चिकित्सक और कार्मिक, जो विभिन्न तरीकों से कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में लगे हैं, उनके जीवन बीमा से लेकर अन्य प्रकार की सुविधाएं एलोपैथिक चिकित्सकों की भांति ही प्रदान की जाएंगी। 

प्रत्येक जिले में हेल्प डेस्क स्थापित करने, आयुर्वेदिक कोविड अस्पताल बनाने तथा विभिन्न क्षेत्रों के आयुष डाक्टरों की तैनाती से गांवों में ही कोरोना संक्रमण की प्राथमिक चिकित्सा का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा। इससे मुख्य अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी कम होगी। साथ ही कोरोना के उपचार में एलोपैथिक चिकित्सा पर बढ़ता दबाव भी कम होगा। बैठक में सचिव आयुष व आयुष शिक्षा डी सेंथिल पांडियन के अलावा निदेशक होम्योपैथी, निदेशक आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं भी उपस्थित थे।

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