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यहां आयुर्वेद विवि तीन साल में भी पूरी नहीं कर पाया नर्सिंग भर्ती, जानिए

उत्तराखंड आयुर्वेद विवि निजाम तो बदला पर अधिकारियों का मिजाज नहीं बदल रहा है। विवि प्रशासन की कार्यशैली देखिए कि नर्सिग की भर्ती तीन साल भी पूरी नहीं हो पाई है।

By Edited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 03:18 PM (IST)
यहां आयुर्वेद विवि तीन साल में भी पूरी नहीं कर पाया नर्सिंग भर्ती, जानिए
यहां आयुर्वेद विवि तीन साल में भी पूरी नहीं कर पाया नर्सिंग भर्ती, जानिए

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि निजाम तो बदला पर अधिकारियों का मिजाज नहीं बदल रहा है। विवि प्रशासन की कार्यशैली देखिए कि नर्सिंग की भर्ती तीन साल भी पूरी नहीं हो पाई है। जब भी प्रक्रिया शुरू होती है कोई नया विवाद शुरू हो जाता है। स्थिति ये कि अब अभ्यर्थी भी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बेमियादी अनशन की चेतावनी दी है। 

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दरअसल, उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के गठन को करीब एक दशक बीत चुका है। पर इन वर्षों में विवि की कार्य पद्धति में न सुधार आया और न ही बदलाव देखने को मिला। अब नर्सिंग भर्ती से जुड़ा प्रकरण ही देख लीजिए। आयुर्वेद विवि ने वर्ष 2016 में नर्सिंग भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। वर्ष 2017 में इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नर्सिंग लिए 209 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें 136 को सफल और 73 को असफल करार दिया गया। भर्ती से पहला विवाद तब जुड़ा जब बीच में ही पदों की संख्या घटा दी गई। 
इसके बाद विवि में कुलसचिव पद को लेकर घमासान छिड़ गया और भर्ती लटक गई। कुछ समय बाद प्रक्रिया शुरू हुई और अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग तक हो गई है। पर नियुक्ति अटक गई। इस बीच भर्ती को लेकर कई अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े कर दिए। जिस पर विवि प्रशासन ने मामले की जांच कराई। पता चला कि भर्ती में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं। यहां तक की कुछ चहेतों को इन पदों पर एडजस्ट करने के लिए मेरिट सूची में टॉप पर रहे दो अभ्यर्थियों का नाम ही गायब कर दिया गया। इसके अलावा पात्रता सूची में आरक्षण रोस्टर का भी पालन नहीं किया गया। 
भर्ती प्रक्रिया में उत्तराखंड आयुर्वेदिक परिचारिका सेवा नियमावली-2015 और उत्तराखंड आयुर्वेद विवि परिनियमावली-2015 का उल्लंघन भी किया गया। विवि के कुलपति डॉ. सुनील जोशी के अनुसार इस विषय की पूरी जानकारी ली जाएगी। जितनी जल्दी संभव होगा यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती ढाई साल से लटकी नियुक्तियों को लेकर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय लगातार घिरता रहा है। पैरामेडिकल पदों पर ढाई वर्ष पूर्व शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया अब तक मुकाम में नहीं पहुंची है। 
अभ्यर्थियों को यह तक नहीं पता कि मामला अटका कहा है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने 22 जुलाई 2017 को लैब टेक्नीशियन के 16, एक्स रे टेक्नीशियन के 01, ओटी नर्स के 03, पंचकर्म नर्स के 03, ओटी टेक्नीशियन के 06 समेत पैरामेडिकल के अन्य पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसके एवज में अभ्यर्थियों से 500 से एक हजार रुपये तक शुल्क वसूला गया। 
विवि प्रशासन ने आतरिक समिति बनाकर इन सभी पदों की मेरिट भी बनवा ली थी। पर मामला आगे नहीं बढ़ा। अस्पताल में भी दिक्कत नर्सिग समेत अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण विवि परिसर में स्थित अस्पताल का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। जिससे मरीजों को भी दिक्कत उठानी पड़ रही है। इसके अलावा सीसीआइएम के मानकों के अनुरूप व्यवस्था बनाने में भी मुश्किल आ रही है।

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