Coronavirus: डॉक्टरों की कमी से निपटने को आयुर्वेद और होम्योपैथ डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध
शासन ने कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए डॉक्टरों की कमी को देखते हुए आयुर्वेद और होम्योपैथ डॉक्टरों को भी स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध कर दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए डॉक्टरों की कमी को देखते हुए आयुर्वेद और होम्योपैथ डॉक्टरों को भी स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध कर दिया है। इससे विभाग को आपात स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन अपनी ओर से किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टरों की खासी कमी है। इस कारण शासन ने मेडिकल कॉलेजों के साथ ही जिलों में भी संविदा पर डॉक्टरों को रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं।
इसके साथ ही शासन ने मेडिकल कॉलेजों में फाइनल इयर में पढ़ने वाले छात्रों को भी स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का निर्णय लिया है। हालांकि, आपात स्थिति में विभाग को डॉक्टरों की और अधिक जरूरत पड़ेगी। विभाग भी इस बात को समझ रहा है।
यही कारण है कि विभाग ने अब आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग में तैनात सभी डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग से संबद्ध करने का निर्णय लिया है। ये दोनों अलग विधा हैं, लेकिन स्वास्थ्य से जुड़ी हैं। इस कारण ये आपात स्थिति में बेहतर कार्य कर सकते हैं।
इन दोनों विभागों में स्थायी व संविदा मिलाकर तकरीबन एक हजार चिकित्सक हैं। ये सभी चिकित्सक संबंधित जिलों के सीएमओ को रिपोर्ट करेंगे। सचिव स्वास्थ्य नितेश झा द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। सभी डॉक्टरों को जल्द से जल्द इन्हें रिपोर्ट करने को कहा गया है ताकि इनसे समन्वय स्थापित कर आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा सके।
फार्मा इंडस्ट्री से समन्वय करेंगे एडीजी प्रसाद
शासन ने कोरोना से रोकथाम के लिए फार्मा इंडस्ट्री, औषधि निर्माता व विक्रेताओं से समन्वय की के लिए एडीजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद को नोडल अधिकारी नामित किया है। कोरोना की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग से इतर विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी प्रभारी सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा को सौंपी गई है।
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