उत्तराखंड में प्रत्येक मातृ मृत्यु का आडिट अनिवार्य, सीएमओ होंगे हर डेथ आडिट के उत्तरदायी
अब प्रत्येक मातृ मृत्यु का आडिट अनिवार्य होगा। जिलाधिकारी के निर्देशन में सभी सीएमओ प्रत्येक डेथ आडिट के लिए उत्तरदायी होंगे। वहीं आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 16 नवंबर से 12 दिसंबर तक राज्य में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाएगा। इ
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में अब प्रत्येक मातृ मृत्यु का आडिट अनिवार्य होगा। जिलाधिकारी के निर्देशन में सभी सीएमओ प्रत्येक डेथ आडिट के लिए उत्तरदायी होंगे। वहीं, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 16 नवंबर से 12 दिसंबर तक राज्य में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान में सभी गर्भवती महिलाओं को निश्शुल्क प्रसव पूर्व जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक सोनिका ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को विशेष तौर पर मजबूत बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु के कारणों की समीक्षा नहीं हो रही है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुसार किया जाए, ताकि प्रसव पूर्व देखभाल से संबंधित सेवाओं में आवश्यकतानुसार सुधार लाया जा सके।
मिशन निदेशक ने कहा कि मेटरनल डेथ आडिट की समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में की जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला को सम्मानजनक प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। राज्य स्थापना दिवस पर शुरू की गई ईजा बोई शगुन योजना का वृहद प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि प्रसव के बाद प्रसूता 48 घंटे तक अस्पताल में रहते हुए पूर्णत: स्वस्थ होने पर ही अपने घर जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फ्री ड्रग, फ्री डाइट व फ्री डायग्नोस्टिक सेवाएं देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जिसे सुनिश्चित कराना प्रत्येक जनपद एवं अधिकारी का दायित्व है। इस दौरान मिशन निदेशक ने एनएचएम के तहत निर्गत बजट एवं कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की जानकारी दी। समीक्षा बैठक में एनएचएम निदेशक डा. सरोज नैथानी व समस्त प्रभारी अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे।
30 वर्ष से अधिक सभी व्यक्तियों की हेल्थ स्क्रीनिंग
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान राज्य के 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग की गैर संक्रामक बीमारियों के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी। यह स्क्रीनिंग बड़े पैमाने पर होगी, जिसके लिए पहले चरण में समस्त हेल्थ केयर वर्कर्स की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में विशेष शिविर का आयोजन कर स्क्रीनिंग की जाएगी। आमजन एवं नागरिकों की स्क्रीनिंग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर की जाएगी। मिशन निदेशक ने अधिकारियों को हेल्थ स्क्रीनिंग के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। ताकि इसे शीघ्र शुरू किया जा सके।
रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में दिसंबर तक कार्डियक केयर यूनिट
रुद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी में प्रस्तावित कार्डियक केयर यूनिट दिसंबर माह तक तैयार कर कर ली जाएगी। इसके लिए मिशन निदेशक ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा पिथौरागढ़, चंपावत, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी व चमोली में संचालित होने वाले कैंसर डे केयर यूनिट को भी दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को क्षय रोग के उपचार के लिए व्यापक स्तर पर कार्वाई के निर्देश दिए गए हैं। मिशन निदेशक ने कहा की टीबी के मरीजों को चिह्नित कर उन्हें त्वरित और प्रभावी उपचार के दायरे में लाते हुए टीबी नोटिफिकेशन के स्तर में बढ़ोत्तरी की जाए।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में शिशु मृत्यु दर में चार अंकों का सुधार दर्ज, जानिए क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री