विधानसभा का मानसून सत्र : 3.06 घंटे चला सदन, 2.09 घंटे रहा व्यवधान
एक दिनी मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने तेवर तो जरूर दिखाए मगर इसका कोई खास असर सरकार पर पड़ता नजर नहीं आया।अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि महज 3.06 घंटे तक चले सत्र के दौरान 19 विधेयक पेश करने के साथ ही इन्हें पारित भी किया गया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना के साये में हुए विधानसभा के एक दिनी मानसून सत्र के दौरान विपक्ष ने तेवर तो जरूर दिखाए, मगर इसका कोई खास असर सरकार पर पड़ता नजर नहीं आया। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि महज 3.06 घंटे तक चले सत्र के दौरान 19 विधेयक पेश करने के साथ ही इन्हें पारित भी किया गया। अलबत्ता, विपक्ष की स्थिति ये रही कि वह चार निर्धारित विषयों पर भी कार्यस्थगन नहीं ला पाया।
सत्र की कार्यवाही शुरु होने पर विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा प्रारंभ किया, मगर रणनीतिक कमी साफ नजर आ रही थी। असल में, सत्र से ऐन पहले नेता प्रतिपक्ष, उप नेता प्रतिपक्ष कोरोना संक्रमित हो गए थे। प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह भी कुछ दिनों के आइसोलेशन के बाद बुधवार को ही सक्रिय हुए। यही नहीं, सदन में कांग्रेस के विधायकों की संख्या सिर्फ पांच थी, जबकि एक विधायक वर्चुअली जुड़े।
हालांकि, विपक्ष ने कोरोना के नाम शोरगुल जरूर किया, मगर साफ झलक रहा था कि उसने सत्र के लिए पर्याप्त होमवर्क नहीं किया है। यही वजह रही कि सत्र में कार्यस्थगन के लिए तय किए कोरोना-आपदा, महंगाई, बेरोजगारी व कानून व्यवस्था जैसे विषयों को भी विपक्ष नहीं रख पाया।
कामकाजी रहा मानसून सत्र
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने सत्र स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सत्र बेहद कामकाजी रहा। सदन 3.06 घंटे चला, जबकि 2.09 घंटे का व्यवधान रहा। उन्होंने बताया कि सत्र में पारित विधेयकों में से जिन पर चर्चा होनी थी, वह हुई। इस बार प्रश्नकाल स्थगित किया गया था। इसे देखते हुए विधायकों के 1048 प्रश्नों में से 78 के लिखित में जवाब उपलब्ध कराए गए।
प्रत्यक्ष व वर्चुअली जुड़े 56 विधायक
विस उपाध्यक्ष चौहान ने बताया कि सत्र से कुल 56 विधायक जुड़े रहे। 30 विधायक सभामंडप में बैठे, जबकि 12 विधायक पत्रकार, दर्शक व अधिकारी दीर्घाओं में। एक मंत्री समेत 14 विधायक वर्चुअली सत्र से जुड़े।
ये जुड़े वर्चुअली
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विधायक बंशीधर भगत, हरबंस कपूर, भरत सिंह चौधरी, दलीप सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, चंदन रामदास, महेश नेगी, गोविंद सिंह कुंजवाल, संजीव आर्य, हरभजन सिंह चीमा, चंद्रा पंत, मीना गंगोला व देशराज कर्णवाल।