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असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता ने कहा- गंगा हमारी राष्ट्रीय धरोहर और सनातन पूज्य संस्कृति

आज बुधवार को असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता बिस्वा सरमा अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और परिवार सहित मां गंगा की आरती में शामिल हुए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 09:15 PM (IST)
असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता ने कहा- गंगा हमारी राष्ट्रीय धरोहर और सनातन पूज्य संस्कृति
असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता बिस्वा सरमा अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन पहुंचे।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता बिस्वा सरमा अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन पहुंचे। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और परिवार सहित मां गंगा की आरती में शामिल हुए।

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बुधवार को असम के मुख्यमंत्री डा. हिमंता बिस्वा सरमा, उनकी धर्मपत्नी रिंकी भुइयां सरमा, पुत्री सुकन्या सरमा, कैबिनेट मंत्री पजिसु हजारिका, एमी बरुआ, मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंगहांग, स्वायत्त परिषद कार्बी आंगलोंग व दीपशिखा अरोड़ा परमार्थ निकेतन पहुंचे। जहां उन्होंने स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट कर वैश्विक स्तर पर जल संरक्षण व विश्व शांति की कामना के लिए विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया।

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मुख्यमंत्री डा. हिंमता बिस्वा सरमा ने भारतीय संस्कृति, संस्कार, सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना को असम में साकार करने के लिए अद्भुत योगदान दिया। असम को एक नई पहचान दी व असम में एक नई क्रान्ति की शुरूआत की। नई योजनाओं के साथ विकास की रफ्तार को तेज किया है। उन्होंने कहा कि भारत, अनेकता में एकता का प्रतीक वाला राष्ट्र है। भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति अपनी पहचान को अक्ष्युण रखकर विविधता को अंगीकार कर आगे बढ़ने का संदेश देती है। हमारी संस्कृति विभिन्न राज्यों को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने का संदेश देती है।

इस दौरान मुख्यमंत्री असम डा. हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि परमार्थ निकेतन का आध्यात्मिक और सात्विक वातावरण मन को अत्यंत शांति देने वाला है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गंगा हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और सनातन हमारी पूज्य संस्कृति है। सनातन संस्कृति का यही संदेश है कि हम अपने परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व के लिए अच्छा करें। हमें मानव प्रेम की शिक्षा देने वाली सनातनी संस्कृति को शिखर पर ले जाना है। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद ने डा. हिमंता बिस्वा सरमा और परिवार के सदस्यों को रुद्राक्ष का पौधा व रुद्राक्ष की माला भेंट की।

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