आसाराम को 15 दिन में खाली करना होगा आश्रम, होई कोर्ट ने दिए आदेश
हाई कोर्ट ने डेढ़ सप्ताह पूर्व दुष्कर्म के आरोप में सजा काट रहे आसाराम के नरेंद्र नगर वन प्रभाग में ब्रह्मपुरी स्थित आश्रम को खाली करने के आदेश दिए।
ऋषिकेश, जेएनएन। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने डेढ़ सप्ताह पूर्व दुष्कर्म के आरोप में सजा काट रहे आसाराम के नरेंद्र नगर वन प्रभाग में ब्रह्मपुरी स्थित आश्रम को खाली करने के आदेश दिए थे। जिसके अनुपालन में शनिवार को प्रभागीय वन अधिकारी नरेंद्र नगर ने नोटिस जारी कर यह आश्रम 15 दिन के भीतर खाली करने के आदेश दिए हैं। ऐसा ना होने पर विभाग स्वयं वन भूमि से आश्रम खाली करा देगा।
विदित है कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस वर्ष 20 फरवरी को आशाराम के ऋषिकेश मुनिकीरेती ब्रह्मपुरी निरगढ़ में वन भूमि पर कब्जे को अतिक्रमण मानते हटाने तथा वन विभाग को जमीन कब्जे में लेने के आदेश दिए थे। 23 फरवरी 2013 को अपर मुख्य मुख्य वन संरक्षक राजेन्द्र कुमार ने रेन फारेस्ट हाउस निवासी स्टीफन व तृप्ति के शिकायती पत्र पर कार्रवाई के आदेश डीएफओ नरेंद्रनगर को दिए थे। शिकायत में उल्लेख किया गया था कि आशाराम आश्रम के कर्मचारियों द्वारा अतिक्रमण कर नाले में दीवार बना दी है।
जिस भूमि पर कब्जा किया था उसकी लीज लक्ष्मण दास के नाम थी, जो कालातीत हो गई। मगर, आशाराम के कर्मचारियों ने अतिक्रमण कर डाला। नौ सितंबर को वन विभाग की ओर से वन भूमि खाली करने का नोटिस आशाराम को दिया गया तो 17 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट ने नोटिस पर रोक लगा दी। इसके बाद वन विभाग द्वारा मामले में इंटरवेंशन डाली गई। वन विभाग की ओर से अधिवक्ता कार्तिकेय हरीगुप्त ने अदालत को बताया कि लीज 1970 में समाप्त हो चुकी है और कानूनी रूप से लीज ट्रांसफर नहीं हो सकती। एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद स्टे ऑडर निरस्त कर दिया।
एकलपीठ के आदेश को आशाराम आश्रम की ओर से विशेष अपील दायर कर चुनौती दी गई। जिसे कोर्ट ने 11 दिन पूर्व खारिज कर दिया था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्रभागीय वन अधिकारी नरेंद्र नगर कार्यालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रभागीय वनाधिकारी धर्म सिंह मीणा ने बताया कि शनिवार को ऋषिकेश बद्रीनाथ हाईवे पर ब्रह्मपुरी में वन विभाग की भूमि पर बने आसाराम के आश्रम को खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। संबंधित पक्ष को नोटिस में यह सूचना दी गई है कि वह 15 दिन के भीतर आश्रम खाली कर दे। निश्चित समय अवधि के बाद विभाग स्वयं आश्रम खाली करा देगा।
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