समिति खाते में अब शिक्षक जमा करा सकते हैं 5000 रुपये महीना, पढिए पूरी खबर
राजकीय प्रारंभिक शिक्षक ऋण और बचत सहकारी समिति लिमिटेड ने 66वें वार्षिक अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।
By Edited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 03:19 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राजकीय प्रारंभिक शिक्षक ऋण और बचत सहकारी समिति लिमिटेड ने 66वें वार्षिक अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। समिति ने सदस्य शिक्षकों के प्रस्ताव को पारित करते हुए समिति के खाते में जमा करने की राशि बढ़ा कर 5000 रुपये कर दी है। पहले शिक्षक हर महीने अधिकतम 2000 रुपये जमा करा सकते थे।
सोमवार को राजकीय प्रारंभिक शिक्षक ऋण और बचत सहकारी समिति लिमिटेड ने अपना वार्षिक अधिवेशन धूमधाम से मनाया। दून के विभिन्न स्कूलों से जुटे प्रतिनिधियों ने अपनी मांगे प्रमुखता से रखी। समिति ने हर महीने रकम जमा करने की सीमा पांच हजार करने पर मुहर लगाते हुए, अगले महीने से इसे लागू करने पर सहमति जताई। हालांकि, यह सब शिक्षकों पर लागू नहीं होगा, इसके लिए शिक्षकों को समिति के पास आवेदन करना होगा। शिक्षकों की सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पुराने ऋण के साथ नया ऋण देने की व्यवस्था भी प्रभावी हो गई है। लेकिन इसके लिए एक व्यक्ति को पुराने ऋण का न्यूनतम 75 फीसद पहले चुकाना होगा। पर पुराने बचे हुए ऋण को घटा कर उसे नया ऋण दिया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी शिक्षक ने 10 लाख रुपये का ऋण लेकर साढ़े सात लाख चुका दिया हो और इसके बाद उसे 10 लाख के नए ऋण की जरूरत है, तो उसे समिति ऋण मुहैया करवाएगी, लेकिन पुराने ऋण के ढ़ाई लाख घटा कर। मृतक आश्रितों को एक लाख समिति ने मृतक आश्रितों के लिए भी नियमों में बदलाव किए हैं। अब मृतक आश्रित फंड की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया है। अगर समिति के किसी शिक्षक सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके घर वालों के आवेदन के दो से चार दिन के अंदर एक लाख रुपये तक फंड जारी किया जाएगा, लेकिन इसके लिए सदस्य का खाता जिला सहकारी बैंक में होना अनिवार्य है।
शिक्षकों के प्रमुख प्रस्ताव
शिक्षिका रेनू त्यागी ने अपने साथ समिति के दफ्तर के ठीक बाहर हुई चोरी की घटना का जिक्र करते हुए समिति के परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की। अन्य शिक्षकों ने भी इस पर सहमति जताई। शिक्षकों ने समिति के परिसर में पार्किंग बनाने और भवन के जीर्णोधार की मांग की। परिसर में एटीएम मशीन लगाने का प्रस्ताव भी रखा। शिक्षकों ने बैंकिग मोबाइल एप जैसे भीम, पेटीएम आदि से सोसायटी का खाता जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा। साथ ही समिति की पूरी लेखा पद्धति को डिजिटलाइज करने का प्रस्ताव भी दिया गया। समिति पर इनकम टैक्स की नजर राजकीय प्रारंभिक शिक्षक ऋण और बचत सहकारी समिति पर इनकम टैक्स की भी पूरी नजर है।
वर्तमान में समिति का सालाना टर्न ओवर सवा अरब का हो चुका है। अधिवेशन में खुले मंच से समिति के सदस्यों को सीख देते हुए राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष दिग्विज सिंह चौहान ने कहा कि समिति अपने स्तर पर बेहतर काम कर रही है। आप लोगों का पर्याप्त सालाना ब्याज मिल रहा है। लेकिन शिक्षक अपने दिमाग से अन्य बातें हटा दें। क्योंकि समिति पर इनकम टैक्स की पूरी नजर है। अबतक शिक्षक इस ब्याज पर कोई कर नहीं चुकाते, लेकिन अगर अति की चाह की, तो हो सकता है आपको इस पर भी ऋण चुकाना पड़े।
अधिवेशन में समिति के सचिव राजेश्वर सिंह चौहान ने समिति के पिछले सत्र का लेखा-जोखा और अगले वर्ष के दायित्व पेश किए। इस अवसर पर समिति के उपसभापति प्रवीण कुमार, अनंत कुमार, अशोक कुमार मनवाल, कुलदीप सिंह तोमर, प्रशांत सकलानी, सुशीला गुरंग, धमेंद्र रावत, विरेंद्र कृषाली, विनोद बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें