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उत्तराखंड के सीएम बोले, वित्त मंत्री की घोषणाओं से पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी में आएगा बदलाव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से की गई घोषणाओं में कृषि पशुपालन मत्स्य मधुमक्खी पालन के साथ ही उत्तराखंड को काफी फायदा होगा।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 12:18 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 12:18 PM (IST)
उत्तराखंड के सीएम बोले, वित्त मंत्री की घोषणाओं से पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी में आएगा बदलाव
उत्तराखंड के सीएम बोले, वित्त मंत्री की घोषणाओं से पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी में आएगा बदलाव

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से की गई घोषणाओं में कृषि, पशुपालन, मत्स्य, मधुमक्खी पालन के साथ ही हर्बल खेती के लिए किए गए प्रविधानों से उत्तराखंड को काफी फायदा होने जा रहा है। इससे विशेष तौर पर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की आर्थिकी व स्थानीय आजीविका में परिवर्तन आएगा। कृषि के क्षेत्र में सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर भारत में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय खेती का विकास राज्य सरकार की नीति का प्रमुख अंग रहा है। उत्तराखंड जड़ी-बूटी का प्रमुख केंद्र है। हर्बल खेती को चार हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा रही है। इसमें मुख्यतया गंगा के किनारे हर्बल कॉरिडोर विकसित करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि घोषणाओं से राज्य में भी कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी। कोल्ड स्टोरेज, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से राज्य के उत्पादों की अच्छी कीमत मिलेगी। पशुपालन और मत्स्य पालन को भी बल मिलेगा। निश्चित तौर पर युवाओं के लिए कृषि व संबद्ध व्यवसायों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे कृषि, हर्बल खेती, पशुपालन, मत्स्य, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे आएं। सरकार उन्हें हर तरह का सहयोग देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा देश में कृषिगत इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण योजना से पशुओं का सौ प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। 15 हजार करोड़ रुपये से पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कोष स्थापित किया जा रहा है। इससे डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

गांव लौटे प्रवासियों को सरकार देगी राशन किट

दूसरे राज्यों से गांव लौटे प्रवासियों के सामने खाद्यान्न की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार उन्हें राशन किट मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में अधिकारियों को राशन किट वितरण की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री ने उनसे मुलाकात करने आए भाजपा के प्रतिनिधिमंडल की ओर से प्रवासियों का मसला रखे जाने के बाद यह निर्देश दिए। उधर, सरकार ने प्रवासियों के लिए राशन की व्यवस्था को कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। इसके तहत जिन लोगों के पास किसी भी राज्य का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का कार्ड है, उन्हें ‘वन नेशन वन कार्ड’ योजना के तहत सफेद कार्ड (अंत्योदय) व गुलाबी कार्ड (प्राथमिक परिवार) की भांति लाभ लिया जाएगा। 

अंत्योदय कार्ड पर एकमुश्त 35 किलो और प्राथमिक परिवार के कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो के हिसाब से राशन दिया जाता है। यह भी व्यवस्था की गई है कि जिन लोगों के पास कोई कार्ड नहीं है, उन्हें ‘आत्मनिर्भर भारत योजना’ के अंतर्गत प्रति यूनिट पांच किलो चावल और एक किलो दाल का निश्शुल्क लाभ दिया जाएगा। सभी डीएम और डीएसओ को प्रवासियों व उनके कार्ड संबंधी विवरण संकलित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से सभी जरूरतमंदों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। 

उत्तराखंड में मास्क लगाना अनिवार्य 

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सभी लोगों का मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए। यह सभी के व्यापक हित में है और यह संक्रमण रोकने में भी मददगार होगा। उन्होंने मास्क का उपयोग न करने पर आर्थिक जुर्माने का प्रविधान करने को भी कहा। 

इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की अगुआई में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष भगत ने इस दौरान प्रवासियों की वापसी को सरकार के प्रयासों की सराहना की। 

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उन्होंने कहा कि वापस लौटे प्रवासियों में बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो छोटे -मोटे रोजगार में थे। वापसी के बाद ऐसे लोगों के सामने खाद्यान्न का संकट पैदा हो गया है। इन्हें तात्कालिक राहत देते हुए राशन किट दी जानी चाहिए।

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