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10 करोड़ के बंगले का हिसाब नहीं दे पाए गोयल

भाजपा नेता अनिल गोयल, उनके परिवारीजन और कारोबारी सहयोगी गर्ग परिवार के लोग दस करोड़ रुपये कीमत के बंगले का ब्योरा नहीं दे पाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 03:01 AM (IST)
10 करोड़ के बंगले का हिसाब नहीं दे पाए गोयल
10 करोड़ के बंगले का हिसाब नहीं दे पाए गोयल

जागरण संवाददाता, देहरादून: भाजपा नेता अनिल गोयल, उनके परिवारीजन और कारोबारी सहयोगी गर्ग परिवार पर आयकर की छापे की कार्रवाई रविवार सुबह तक जारी रही। करीब 48 घंटे तक जारी रही इस कार्रवाई को रविवार के चलते दिन में अस्थाई रूप से विराम दिया गया है। जब्त किए गए दस्तावेजों और पूछताछ के आधार पर गोयल परिवार करीब 21 करोड़ रुपये की संपत्ति का हिसाब नहीं दे पाया। आयकर अधिकारी इस राशि की संपत्ति को अघोषित आय मानकर चल रहे हैं।

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आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के मुताबिक भाजपा नेता अनिल गोयल के अमृत कौर रोड से सटे आवासीय भवन के पीछे करीब 10 हजार वर्गफीट पर एक बंगले का निर्माण किया गया है। इस संपत्ति की कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक आंकी जा रही है। गोयल परिवार के रिटर्न में इस बंगले के निर्माण का उल्लेख नहीं है और जब उनसे इस संपत्ति का हिसाब मांगा गया तो वह कोई जानकारी नहीं दे पाए।

इससे पहले शनिवार को गांधी रोड स्थित क्वालिटी मार्ट प्रा.लि. की क्वालिटी हार्डवेयर नामक दुकान में पांच करोड़ रुपये का अघोषित स्टॉक मिला था। जबकि देर रात तक गोदाम के स्टॉक की जांच करने पर पता चला कि अघोषित स्टॉक का आंकड़ा करीब नौ करोड़ रुपये का है। इस अतिरिक्त स्टॉक का भी भाजपा नेता अनिल गोयल व उनके परिवार के अन्य सदस्य कोई हिसाब नहीं दे पाए।

क्लोजिंग-ओपनिंग स्टॉक में दो करोड़ का अंतर

आयकर विभाग ने गोयल परिवार के विभिन्न प्रतिष्ठानों में माल के स्टॉक की भी जांच की। इस दौरान पता चला कि क्लोजिंग स्टॉक में जितना माल दिखाया गया है, उसमें और ओपनिंग स्टॉक में करीब दो करोड़ रुपये का अंतर आ रहा है। नियमत: क्लोजिंग स्टॉक और ओपनिंग स्टॉक समान होना चाहिए। इस अतिरिक्त स्टॉक को लेकर भी भाजपा नेता कोई ब्योरा नहीं दे पाए। बताया जा रहा है कि इस खामी के बाद भी लेखा परीक्षक ने स्टॉक को सत्यापित होना दिखाया है। जबकि सत्यापन के लिए स्टॉक का पुख्ता प्रमाण होना जरूरी था। सत्यापन को आयकर अधिकारी कर चोरी की मंशा से देख रहे हैं और यदि इसकी पुष्टि हो पाई तो लेखा परीक्षक के खिलाफ वाद दायर करने की बात कही गई है।


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