11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दो जनवरी को निकालेंगी रैली
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सेविका कर्मचारी यूनियन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर दो जनवरी को रैली निकालने का निर्णय लिया है।
देहरादून, जेएनएन। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सेविका कर्मचारी यूनियन ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर दो जनवरी को रैली निकालने का निर्णय लिया है। रैली पुराना बस अड्डा स्थित सीटू कार्यालय से शुरू होकर डीएम कार्यालय पर समाप्त होगी।
मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता परेड मैदान पर धरने में डटी हैं। इसके तहत वे भीख मांगने, रक्तदान, सफाई अभियान आदि का कार्यक्रम भी चला चुकी हैं। अब आंदोलन को तेज करने के लिए वे रणनीति बना रही हैं।
प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए यूनियन के महासचिव चित्रकला ने बताया कि वे मांगों को लेकर 23 दिसंबर से आंदोलनरत है लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ग्रेड-3 और सहायिका को ग्रेड-4 का दर्जा दिया जाए साथ ही जब तक उन्हें राज्यकर्मी घोषित नहीं किया जाता तब तक 18 हजार रुपये वेतन दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सुपरवाइजर और सहायिका को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमोट किया जाए, हरियाणा की तर्ज पर सर्दी व गर्मी की छुट्टियां और ईएसआइ सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए। पत्रकार वार्ता में रजनी गुलेरिया, लक्ष्मी पंत, रमा पंवार, सुनीता, सीमा देवी आदि उपस्थित थे।
मांगे पूरी न होने से आंदोलनकारियों में रोष
मंत्री की ओर से वार्ता के लिए समय देने के बावजूद मिलने का समय नहीं देने पर वरिष्ठ आंदोलनकारी मोर्चा ने रोष जताया। शहीद स्मारक में हुई मोर्चा की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त राज्य आंदोलनकारियों की बैठक बुलाकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष विनोद असवाल ने बताया कि पांच दिसंबर को राज्य आंदोलनकारियों के संयुक्त संगठनों की ओर से विधानसभा घेराव के दौरान मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत और विधायक विनोद चमोली को आंदोलनकारियों से वार्ता के तिलए अधिकृत किया था।
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वार्ता के दौरान मंत्री और विधायक ने राज्य आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया था कि झारखंड चुनाव में व्यस्त होने के कारण 20 दिसंबर के बाद उनकी मांगों पर वार्ता की जाएगी। लेकिन अब तक राज्य आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए समय नहीं दिया गया है। राज्य आंदोलनकारी उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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