कई महीने से नहीं मिला मानदेय, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने दी सड़क पर उतरने की चेतावनी
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को कई महीने से मानदेय नहीं मिला है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं में नाराजगी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: कई महीने से मानदेय न मिलने समेत विभिन्न मांगों पर कार्रवाई न होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं ने नाराजगी जताई है। कार्यकर्त्ताओं ने शीघ्र ही मांग पूरी न होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
आंगनबाड़ी, कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी यूनियन की शनिवार को गांधी पार्क स्थित सीटू कार्यालय में बैठक हुई। जिसमें कार्यकर्त्ता, सहायिकाओं को समस्याओं पर चर्चा हुई। यूनियन की प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष जानकी चौहान ने कहा कि नवंबर से कई आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को मानदेय नहीं मिला है। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रांतीय कोषाध्यक्ष लक्ष्मी पंत ने कहा कि विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सेनेटरी नैपकीन की बिक्री के लिए कहा है। इनकी गुणवत्ता अच्छी न होने के कारण महिलाएं नहीं खरीद रही हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री ने सेनेटरी नैपकीन फ्री में देने की घोषणा की थी, जिस पर शीघ्र शासनादेश जारी किया जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल पलाश योजना के तहत अंडे, केले और चिप्स के ढुलान का पैसा आंगनबाड़ी केंद्रों से लिया जा रहा है। टीएचआर की तरह इसे भी केंद्रों तक पहुंचाया जाए।
कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि विभाग पोषण ट्रेकर एप पर काम करने का दवाब बना रहा है, जबकि इस एप पर कार्य करने में कार्यकर्त्ताओं को परेशानी हो रही है और डाटा भी उड़ रहा है। बैठक में प्रांतीय महामंत्री चित्रकला, जिलाध्यक्ष ज्योतिका पांडे, महामंत्री रजनी गुलेरिया, आशा रावत, नीलिमा आदि मौजूद रहे।
लंबे समय से रहीं आंदोलनरत
राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता समय समय पर मांग को लेकर लंबे समय तक आंदोलनरत रहीं। हालांकि, सरकार की ओर से मिले सकारात्मक आश्वासन के बाद कार्यकर्त्ताओं ने सरकार का आभार भी जताया। लेकिन अब मानदेय ना मिलने से कार्यकर्त्ताओं में रोष है।