परिवहन व होटल संचालकों की चारधाम यात्रा पर नजर, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से चारधाम यात्रा शुरू करने के संकेत दिए जाने से परिवहन व होटल संचालकों की नजरें अब सरकार पर टिक गई हैं। यात्रा शुरू होने की स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवहन व्यवसायियों और होटल संचालक राहत मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से चारधाम यात्रा शुरू करने के संकेत दिए जाने से परिवहन व होटल संचालकों की नजरें अब सरकार पर टिक गई हैं। यात्रा शुरू होने की स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवहन व्यवसायियों और होटल संचालक राहत मिलने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
प्रदेश में कोरोना की कारण लगातार दूसरे वर्ष यात्रा स्थगित हुई है। बीते वर्ष कोरोना के कारण लागू लाकडाउन में चारधाम यात्रा नहीं हो पाई थी। इसके साथ ही पर्यटन सीजन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। अनलाक के बाद सरकार ने सितंबर से यात्रा को अनुमति तो दी, लेकिन इसमें बेहद सीमित संख्या में ही यात्री पहुंचे। सामान्य परिस्थितियों में चारधाम आने वाले यात्रियों का जो आंकड़ा 35 लाख से अधिक रहता है, वह गत वर्ष तीन लाख से कुछ अधिक रहा। यानी, सामान्य वर्षों की तुलना में महज 10 फीसद श्रद्धालु ही यात्रा को पहुंचे। इससे परिवहन व होटल व्यवसायियों को खासा नुकसान हुआ। बीते वर्ष सरकार ने इन्हें राहत देने के लिए परिवहन व्यवसायियों का लगभग छह माह का टैक्स माफ किया था। होटल व रेस्टोरेंट उद्योग से जुड़े कार्मिकों को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दो बार दी गई थी। इस वर्ष मार्च तक कोरोना संक्रमण की स्थिति काफी नियंत्रण में होने कारण चारधाम यात्रा व पर्यटन सीजन के सुचारू रहने की उम्मीद जगी थी। अप्रैल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के आने और संक्रमण के मामलों में अचानक उछाल के कारण सरकार को कोरोना कफ्र्यू लगाना पड़ा। साथ ही चारधाम यात्रा भी स्थगित कर दी गई।
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इससे होटल व परिवहन व्यवसायियों को बड़ा झटका लगा। अब सरकार एक बार फिर परिवहन व्यवसायियों का टैक्स माफ करने के साथ ही परिवहन व होटल व्यवसाय से जुड़े कार्मिकों को आर्थिक सहायता देने की तैयारी कर रही है। साथ ही चरणबद्ध तरीके से यात्रा शुरू करने पर मंथन चल रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी इसके संकेत दिए हैं।
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