रेलवे ट्रैक पर ब्लॉक की वजह से नहीं आई अमृतसर एक्सप्रेस, ये ट्रेनें रहीं प्रभावित
देहरादून-हर्रावाला रेलवे ट्रैक के बीच पांच घंटे तक रहे ब्लॉक की वजह से लाहौरी एक्सप्रेस का संचालन हरिद्वार तक ही हुआ। वहीं, चार ट्रेनें घंटों प्रभावित रहीं।
देहरादून, [जेएनएन]: देहरादून-हर्रावाला रेलवे ट्रैक के बीच पांच घंटे तक रहे ब्लॉक की वजह से चार ट्रेनें घंटों प्रभावित रहीं। लाहौरी एक्सप्रेस का संचालन हरिद्वार तक ही हुआ। ट्रेन घंटों देरी से आने-जाने से यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि ब्लॉक का समय सुबह 8:35 से दोपहर 1:35 बजे तक रहा। बांद्रा एक्सप्रेस का दून स्टेशन पहुंचने का तय समय सुबह 10 बजे है, लेकिन ब्लॉक के कारण ट्रेन दोपहर दो बजे पहुंची। लिंक एक्सप्रेस दोपहर एक घंटा पांच मिनट की देरी से दोपहर 2:20 बजे, शताब्दी एक्सप्रेस 80 मिनट की देरी से दोपहर 2:10 बजे पहुंची। दून से जाने वाली लिंक एक्सप्रेस को भी दो घंटे देरी यानि 3:10 बजे रवाना किया गया। बताया कि इससे कुछ अन्य ट्रेनें भी 20 से 40 मिनट की देरी से पहुंचीं। कहा कि सोमवार से ट्रेनें निर्धारित समय पर चलेंगी।
वहीं, ब्लॉक की जानकारी नहीं होने पर सुबह से ही स्टेशन पर यात्री जुटने शुरू हो गए थे। उन्हें जब ब्लॉक के बारे में जानकारी मिली तो सभी परेशान हो गए। यात्रियों को ट्रेन के इंतजार में घंटों बैठना पड़ा।
पांच घंटे में रेल लाइन के नीचे अंडरपास तैयार
हरिद्वार बाईपास रोड पर अजबपुर रेलवे फाटक के पास मात्र पांच घंटे में अंडरपास तैयार हो गया। दस मीटर लंबे इस अंडरपास को रेलवे लाइन के नीचे बनाया गया है। अगले महीने से इससे आवाजाही शुरू हो जाएगी। क्योंकि जिस स्थान पर अंडरपास बनाया गया है, वहां रेलवे ओवर ब्रिज का काम चल रहा है।
अजबपुर में आरओबी बनने के बाद हाईवे पर नीचे की तरफ से निकलने वाली एक लेन से अंडरपास के जरिये पैदल आवाजाही जारी रहेगी। इससे लोगों को लंबा फेरा नहीं लगाना होगा। रविवार को राजमार्ग खंड डोईवाला को आरओबी की साइट पर अंडरपास के लिए छह घंटे का ब्लॉक (काम के दौरान ट्रेनों की आवाजाही थामने) मिला था। ब्लॉक मिलते ही सुबह 8.40 बजे से दोपहर 2:40 बजे तक काम किया गया। इसके लिए एनएच ने पहले ही कंक्रीट के ब्लाक तैयार कर लिए थे। रेलवे की ओर से मिले ब्लाक के दौरान इन्हें पटरी के नीचे स्थापित किया और रेलवे लाइन की मरम्मत की गई। इसके बाद ट्रेनों की आवाजाही भी शुरू करा दी गई। इतने कम समय में अंडरपास का निर्माण किसी चुनौती से कम नहीं था। खंड के सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना ने बताया कि पांच घंटे में काम पूरा हो गया था। अंडरपास को आवाजाही के लिए तैयार होने में अभी कुछ दिन और लगेंगे।
तीन क्रेन और पांच पोकलेन से हुआ काम
एनएच ने इस अंडरपास में कंक्रीट ब्लाक रखने के लिए दिल्ली से 80 से 350 टन की तीन क्रेनें मंगाई थीं। इसके अलावा पांच पोकलैंड मशीनें, दो जेसीबी और 100 से ज्यादा मजदूर इस काम के लिए लगाए गए। मिट्टी से भरे बैग भी पहले से तैयार किए गए थे। जो ब्लाक रखते ही दोनों तरफ सुरक्षा के लिहाज से रखे गए।
48 लाख में मंगाई गई क्रेनें
खंड के सहायक अभियंता सक्सेना ने बताया कि तीन बड़ी क्रेनों में एक का वजन 350 टन, दूसरी 200 टन व तीसरी क्रेन का वजन 80 टन है। इन तीनों को 48 लाख रुपये के किराये पर मंगाया गया।
यह है अंडरपास का आकार
रेलवे पटरी के नीचे बनाए गए अंडरपास की कुल लंबाई साढ़े दस मीटर है। इसकी चौड़ाई चार मीटर और ऊंचाई तीन मीटर रखी गई है। अंडर पास में कुल सात ब्लाक लगाए गए हैं। अभी आगे भी ब्लाक और अंडर पास तक आने-जाने का मार्ग बनाया जाना है। इसके बाद ही इस पर आवाजाही होगी।
अब आरओबी के गार्डर रखे जाएंगे
अजबपुर फाटक के एक तरफ आरओबी तैयार हो गया है। फाटक के ऊपर के हिस्से पर लोहे के गार्डर रखे जाने हैं। इसके लिए रेलवे से 26 और 27 को ब्लाक मांगा गया है। ब्लाक मिलते ही गॉर्डर लगा दिए जाएंगे। उम्मीद है नवंबर तक आरओबी तैयार हो जाएगा और यहां से गुजरने वाले लोगों को जाम से भी निजात मिल जाएगी।
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