अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को दिखी उम्मीद की किरण, आवेदन अपूर्ण होने के कारण लटक गई थी मान्यता
राज्य के चौथे सरकारी मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को लेकर उम्मीद की किरण दिख रही है। कालेज की मान्यता के लिए किया गया आवेदन अपूर्ण होने के कारण मान्यता की प्रक्रिया लटक गई थी। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने निरीक्षण को मना कर दिया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के चौथे सरकारी मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को लेकर उम्मीद की किरण दिख रही है। कालेज की मान्यता के लिए किया गया आवेदन अपूर्ण होने के कारण मान्यता की प्रक्रिया लटक गई थी। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने निरीक्षण को मना कर दिया था। इसके बाद कालेज प्रबंधन की ओर से अपील की गई, पर बात नहीं बनी। जिसके बाद अधिकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचे। आखिरकार अपील स्वीकार हुई और अब एनएमसी कालेज का निरीक्षण भी कर चुकी है। उम्मीद है कि इसी सत्र से एमबीबीएस की 100 सीट की मान्यता मिल जाएगी।
बता दें, अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को साल 2017 में शुरू करने की योजना थी, पर डेडलाइन पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल बढ़ता चला गया। इस बीच पद सृजन, प्राचार्य की तैनाती और सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई, लेकिन एक चूक की वजह से मान्यता लटक गई। दरअसल, अधिकारियों ने मान्यता के लिए फीस जमा करा दी। जब आनलाइन आवेदन की बारी आई तो आधा-अधूरा फार्म सबमिट कर दिया गया। अधिकारी, एनएमसी की टीम के निरीक्षण का इंतजार करते रहे।
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निरीक्षण का समय खत्म होने को आया तब अधिकारियों को होश आया। पता चला कि अल्मोड़ा मेडिकल कालेज के लिए आवेदन ही नहीं हुआ है। जिस पर इस चूक की भरपाई के प्रयास शुरू किए गए। एनएमसी में अपील की गई, पर यह अपील खारिज हो गई। एनएमसी ने अगले सत्र में आवेदन और जमा शुल्क समायोजित करने की बात कही। इस पर सरकार व अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया। अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि एनएमसी कालेज का निरीक्षण कर चुकी है। उम्मीद है कि इसी सत्र मान्यता मिल जाएगी। छोटी-छोटी कुछ कामियां हैं भी, तो उसके लिए नियमानुसार अंडरटेकिंग दी जाएगी।
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