उत्तराखंड में परिवहन विभाग के सभी काम ऑनलाइन, अब बार-बार नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
उत्तराखंड में परिवहन विभाग के सभी काम अब ऑनलाइन होने जा रहे हैं। परिवहन मुख्यालय अब अस्थायी परमिट और डुप्लीकेट दस्तावेजों का काम भी ऑनलाइन करने जा रहा है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। परिवहन विभाग के सभी काम अब ऑनलाइन होने जा रहे हैं। परिवहन मुख्यालय अब अस्थायी परमिट और डुप्लीकेट दस्तावेजों का काम भी ऑनलाइन करने जा रहा है। इसके लिए एनआइसी से अलग सॉफ्टवेयर तैयार करने को कहा गया है। इसके अलावा सभी संभागीय कार्यालयों में भी ऑनलाइन परमिट जारी करने की तैयारी है। अभी केवल परिवहन मुख्यालय में ही ऑनलाइन परमिट बनाए जा रहे हैं।
परिवहन विभाग लंबे समय से अपने सभी कार्य ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है। इसका मकसद विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ ही आमजन को बार-बार कार्यालय बुलाने की परेशानी से छुटकारा दिलाना है। विभाग के चक्कर बार-बार काटने के फेर में ही लोग दलालों के चुंगल में फंसते हैं। अब विभाग अपने अधिकांश कार्य ऑनलाइन कर चुका है। कोरोना के बाद अब ऑनलाइन कार्यो की जरूरत महसूस की जा रही है। अब इस कड़ी में बचे हुए कार्यों को भी ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत अब दूसरे राज्यों से अस्थायी रजिस्ट्रेशन को भी ऑनलाइन करने की तैयारी है।
दरअसल, प्रदेश से खरीदे गए वाहनों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाहन बेचने वाले डीलर कराते हैं। दूसरे प्रदेशों में खरीदे गए वाहन अस्थायी रजिस्ट्रेशन पर आते हैं। यहां इन्हें परिवहन कार्यालय आकर इनका रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। अब इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की तैयारी है। इसके साथ ही अस्थायी परमिट का काम भी ऑनलाइन किया जा रहा है। अभी बाहर से आने वाले वाहनों के अस्थायी परमिट दोनों राज्यों के काउंटर साइन से ही जारी किए जाते हैं।
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ऐसे में अब सॉफ्टवेयर में ही यह व्यवस्था की जा रही है कि आवेदन करने के बाद इन पर डिजिटल हस्ताक्षर कराए जा सकें। अभी तक ट्रकों के लिए यह व्यवस्था ऑनलाइन थी, अब यह व्यवस्था बसों और टैक्सियों के लिए भी करने की तैयारी है। इसके अलावा प्रदेश के चारों परिवहन कार्यालयों में ऑनलाइन परमिट की व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि इसके लिए एनआइसी के सहयोग से सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर बनने के बाद परिवहन विभाग के सभी काम ऑनलाइन हो जाएंगे।
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