ऑल वेदर रोड: सड़कों का 25 फीसद काम हुआ पूरा
ऑल वेदर रोड में अहम 11700 करोड़ की लागत वाली परियोजना में अब तक सड़कों का करीब 25 फीसद कार्य पूरा हो चुका है।
By Edited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 01:55 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उत्तराखंड को केंद्र से बड़ी सौगात के रूप में मिली चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना धीरे-धीरे मंजिल की ओर बढ़ रही है। धार्मिक, सामरिक और क्षेत्रीय लिहाज से अहम 11700 करोड़ की लागत वाली परियोजना में अब तक सड़कों का करीब 25 फीसद कार्य पूरा हो चुका है, जबकि भूमि हस्तांतरण से जुड़े लगभग 90 फीसदी कार्य हो चुके हैं।
राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को लेकर सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने पर अब इसके निर्माण कार्य में तेजी आएगी। उम्मीद जताई जा रही कि 2020 तक यह पूरी हो जाएगी। उत्तराखंड में जून 2013 में आई आपदा के बाद चारधाम के लिए ऐसे मार्ग पर जोर दिया गया, जिससे वहां वर्षभर आवाजाही बनी रहे। केंद्र ने राज्य के इस मर्म को समझा और वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने ऑल वेदर रोड परियोजना की मंजूरी दी।
इसका राष्ट्रीय और सामरिक महत्व भी है। यही नहीं, आर्थिकी के लिहाज से यह परियोजना अहम है। दरअसल, राज्य की एक बड़ी आबादी की आर्थिकी चारधाम मार्ग पर टिकी है। चारधाम यात्रा के दरम्यान बरसात में यात्रा मार्गों के बाधित होने से दिक्कतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में परियोजना के आकार लेने पर चारधाम यात्रा मार्गों पर आवाजाही सुलभ रहने से सैलानियों और श्रद्धालुओं को सहूलियत मिलेगी ही, स्थानीय स्तर पर आजीविका के साधन विकसित होने से आर्थिकी संवरेगी।
राज्यवासियों की इन उम्मीदों को तब झटका लगता दिखा, जब परियोजना की जद में बड़े पैमाने पर वन व नाप भूमि आने से पेड़ कटान को लेकर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने पर्यावरणीय लिहाज से सवाल उठाए। हालांकि, सरकार की ओर से लगातार यह बात कही जाती रही कि परियोजना में पर्यावरणीय पहलुओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसे लेकर चली लंबी जिद्दोजहद के बाद अब परियोजना के पक्ष में फैसला दिया है।
इससे राज्य और केंद्र दोनों ने ही राहत की सांस ली है। हालांकि, परियोजना के निर्माण को लेकर 2016 से अब तक के सफर पर रोशनी डालें तो परियोजना में 53 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से 28 योजनाओं पर काम चल रहा है। सात कायरे की निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भूमि हस्तातरण से संबंधित लगभग 90 फीसद कार्य हो चुका है।
राज्य लोनिवि, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन सड़क के निर्माण कार्य में जुटे हैं। मुख्य अभियंता नेशनल हाईवे हरिओम शर्मा बताते हैं कि परियोजना में अब तक सड़कों का लगभग 25 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। चारधाम यात्रा के दौरान सड़क चौड़ीकरण को कटिंग जैसे कार्य रोकने पड़े थे। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में लगी तीनों एजेंसियां तेजी से कार्य कर रही हैं। उम्मीद हैं 2020 तक इसका कार्य पूरा हो जाएगा।
नमो के ड्रीम प्रोजेक्ट में है शामिल
उत्तराखंड में चल रही ऑल वेदर रोड परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार इस परियोजना की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। यही नहीं, राज्य सरकार भी इसे लेकर संजीदगी से जुटी है।
चार साल तक होगी मेंटिनेंस ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़कों के 50 फीसद निर्माण का जिम्मा राज्य लोनिवि के पास है, जबकि शेष राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की कंपनी डीसीएल के अलावा सीमा सड़क संगठन के पास है। सड़क के बन जाने पर यह कार्यदायी संस्थाएं चार साल तक इसकी मेंटिनेंस का जिम्मा भी उठाएंगी।
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