अक्षय नवमी पर कीर्तन के साथ निकाली नगर परिक्रमा, श्री कृष्ण बाल लीलाओं का किया वर्णन
भवन श्री कालिका माता समिति की ओर से अक्षय नवमी पर कीर्तन करते हुए नगर परिक्रमा की गई। सोमवार को अंसारी मार्ग स्थित मंदिर से शुरू हुई परिक्रमा बिंदाल पुल कनाट पैलेस चकराता रोड घंटाघर होते हुए चाट गली से वापस मंदिर में संपन्न हुई।
देहरादून, जेएनएन। भवन श्री कालिका माता समिति की ओर से अक्षय नवमी पर कीर्तन करते हुए नगर परिक्रमा की गई। सोमवार को अंसारी मार्ग स्थित मंदिर से शुरू हुई परिक्रमा बिंदाल पुल, कनाट पैलेस, चकराता रोड, घंटाघर होते हुए चाट गली से वापस मंदिर में संपन्न हुई। प्रमोद श्रीवास्तव व साथियों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। परिक्रमा के दौरान भगवान गोपाल की प्रतिमा को हाथों में लिए मंदिर के पुजारी महेश ग्रोवर व आचार्य चंद्र प्रकाश पंत के पीछे अन्य भक्त हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे राम हरे राम गाते हुए चले।
वहीं मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत पाक्षिक कथा के आठवें दिन कथावाचक पंडित देवेंद्र उपाध्याय ने देवोत्सव के दौरान की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि सभी देवता रूप बदल- बदल कर भगवान कृष्ण के दर्शन करने आने लगे। राजा कंस ने पूतना को कृष्ण को मारने के लिए भेजा। लेकिन वह स्वयं ही मर गई। कथावाचक ने बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए वक्रासुर की कथा भी सुनाई व जन्म से लेकर मृत्यु तक संस्कारों से बारे में बताया। वहीं, जियो श्याम लाला जियो श्याम लाला..., पलना में ललना झुलावे यशोदा मैया..., नाचे नंदलाल नचावे हरि की मईया..., यशोदा तेरे लाला ने मिट्टी खाई.. आदि भजन गाए।
इस मौके पर ट्रस्टी गगन सेठी, रमेश साहनी, दयाल धवन, नरेश मैनी, अशोक लांभा, सुरेंद्र बजाज, मोनू आनंद, नीरज जिंदल, अनिरुद्ध गुप्ता, केवल आनंद, नन्द कुमार आनंद, शशि तलवार, जय किशन कक्कड़, महेश ग्रोवर, दीपक बिष्ट, उमेश मिनोचा, विजय अरोड़ा, सतीश मेहता, कमल स्वरूप गुप्ता, महेश डोरा आदि मौजूद रहे।