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देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर अखाड़ा परिषद ने किया सीएम धामी का किया अभिनंदन, मां गंगा की मूर्ति भेंट की

देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व संतों ने देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अभिनंदन किया। अध्यक्ष महामंत्री और निरंजन पीठाधीश्वर ने मुख्यमंत्री को मां गंगा की मूर्ति भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 10:52 PM (IST)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व संतों ने देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अभिनंदन किया।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: देवस्थानम बोर्ड भंग करने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व संतों ने देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अभिनंदन किया। अध्यक्ष, महामंत्री और निरंजन पीठाधीश्वर ने मुख्यमंत्री को मां गंगा की मूर्ति भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया।

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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज (निरंजनी अखाड़ा) ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर स्वागत योग्य कदम उठाया है। उनके इस कदम से भाजपा को प्रदेश में और ज्यादा मजबूती मिलेगी। भाजपा जो कहती है, उसे करके दिखाती है। महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि भाजपा सरकार से अखाड़ा परिषद की पूर्व में बोर्ड को भंग करने को लेकर वार्ता हुई थी। बोर्ड को भंग कर मुख्यमंत्री ने सराहनीय कार्य किया है। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सरकार ने तीर्थ पुरोहित और संत समाज की गरिमा ध्यान में रखते हुए बेहतर निर्णय लिया है। मठ, मंदिरों में पूजा पद्धति का कार्य तीर्थ पुरोहित एवं संत ही कर सकते हैं। देवस्थानम बोर्ड को लेकर पहले ही संतों की सरकार से वार्ता हुई थी। वार्ता का परिणाम भी आज सामने आ चुका है।

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श्रीगंगा सभा ने बांटी मिठाई, मां गंगा का किया दुग्धाभिषेक

देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा और तीर्थ पुरोहितों ने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मां गंगा का दुग्धाभिषेक किया। साथ ही मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की। इस मौके पर श्रीगंगा सभा हरिद्वार के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि सरकार ने मंगलवार को देवस्थानम बोर्ड भंग कर तीर्थ पुरोहितों की मांग को स्वीकार किया है।

महामंत्री तनमय वशिष्ठ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चारों धाम के साथ गढ़वाल के 51 मंदिरों को सम्मिलित करते हुए देवस्थानम बोर्ड बनाया था। इससे पुरोहितों के अधिकार प्रभावित होने के साथ ही धार्मिक परंपराओं के साथ भी खिलवाड़ हो रहा था। जिसके लिए तीर्थ पुरोहित संघर्षरत थे। कहा कि मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी की बोर्ड भंग करने की घोषणा के साथ ही उनका संघर्ष सफल भी हुआ। इसके लिए हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही पुरोहितों के इस आंदोलन में जिन संस्थाओं, व्यक्तियों ने सहभागिता की, उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। इस मौके पर श्रीगंगा सभा के स्वागत मंत्री डा. सिद्धार्थ चक्रपाणी, सचिव शैलेष मोहन, सचिव अवधेश पटुवर, उज्ज्वल पंडित, बाबूराम मिश्रा, धीरज पचभैया, अभिषेक वशिष्ठ आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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