जलविद्युत योजनाओं पर लगी रोक हटे : भट्ट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने गुरुवार को लोकसभा में राज्य की वित्तीय स्थिति और बेरोजगारों के हितों को देखते हुए उत्तराखंड की सभी जलविद्युत परियोजनाओं पर लगी रोक हटाने की मांग केंद्र सरकार से की।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने गुरुवार को लोकसभा में राज्य की वित्तीय स्थिति और बेरोजगारों के हितों को देखते हुए उत्तराखंड की सभी जलविद्युत परियोजनाओं पर लगी रोक हटाने की मांग केंद्र सरकार से की।
लोकसभा में शून्यकाल में सांसद अजय भट्ट ने राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों गंगा, यमुना, टौंस, कोसी, अलकनंदा, भागीरथी, धौलीगंगा, मंदाकिनी, काली व गोरी नदियों पर विभिन्न जलविद्युत परियोजनाओं को पहले स्वीकृति मिली थी। सभी योजनाओं की डीपीआर बनकर वन भूमि हस्तांतरण और पर्यावरण विभाग की स्वीकृति भी हो चुकी है। कुछ परियोजनाओं में 20 फीसद से अधिक कार्य हो चुका है। इनके निर्माण पर काफी धन खर्च हो चुका है। परियोजनाओं पर रोक लगने से सरकार को राजस्व हानि हो रही है। विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत सैकड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं।
सांसद अजय भट्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के 25 फरवरी, 2019 को लिए गए निर्णय के मुताबिक 70 जलविद्युत परियोजनाओं में से 4797 मेगावाट की 44 परियोजनाओं का निर्माण नहीं हो पाएगा। इन परियोजनाओं पर करीब 3062 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इन परियोजनाओं के निर्माण से राज्य में 48 हजार करोड़ के निवेश की संभावनाएं भी हैं। वहीं 3540 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व हानि होगी। करीब 52 हजार स्थानीय लोगों का रोजगार भी प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि देवप्रयाग से 5000 क्यूसेक से अधिक जल प्रवाह निरंतर छोड़ा जा रहा है। चारों प्रयागों रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग व विष्णुप्रयाग में जल उपलब्धता पहले की भांति सुनिश्चित की गई है।