World Ozone Day 2020: लॉकडाउन में घटा था वायु प्रदूषण, फिर होने लगा इजाफा
स्वच्छ हवा का जो सबक हमें लॉकडाउन में मिला था उसे हम लॉकडाउन की आंशिक ढील और अनलॉक में भूलते जा रहे हैं।
देहरादून, सुमन सेमवाल। World Ozone Day 2020 जनता कर्फ्यू (22 मार्च) से लेकर लॉकडाउन के पहले चरण में वायु प्रदूषण अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा था। जाहिर है इससे हमारा सुरक्षा कवच 'ओजोन परत' को भी ग्रीन हाउस गैसों के दुष्प्रभाव से कुछ मुक्ति मिली होगी। मगर, स्वच्छ हवा का जो सबक हमें लॉकडाउन में मिला था, उसे हम लॉकडाउन की आंशिक ढील और अनलॉक में भूलते जा रहे हैं। हालात फिर वही होने लगे हैं और वायु प्रदूषण (पीएम-10) अधिकतम सीमा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर गया है। अनलॉक-1.0 के जून में ही पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-10 का औसत स्तर 120 पाया गया।
लॉकडाउन के पहले चरण में जब बाजार बंद थे और जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए भी समय सीमित था, तब पीएम-10 की मात्रा छह अप्रैल को 76.01 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाई गई थी। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लॉकडाउन में पहली दफा इसी दिन वायु प्रदूषण की मॉनीटरिंग की थी। वैसे दून में सामान्य दिनों में यह मात्रा 200 के पार पहुंच जाती है। इस लिहाज से लॉकडाउन में घंटाघर, आइएसबीटी और रायपुर स्टेशन (सर्वे चौक) में प्रदूषण का ग्राफ 76 फीसद तक कम हो गया था।
हालांकि, लॉकडाउन के तीसरे चरण में जब पांच मई को वायु प्रदूषण के आंकड़े लिए गए तो पीएम-10 में 30.10 फीसद का इजाफा पाया गया। घंटाघर स्टेशन पर पर पीएम-10 की मात्रा 98.89 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रिकॉर्ड की गई थी। अनलॉक में यह स्तर ऊपर चढ़ रहा है, मगर अभी भी इसे मार्च से पूर्व के महीनों से नियंत्रित माना जा सकता है। ऐसे में यदि जनता संवेदनशील बने तो प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम कसी जा सकती है।
पीएम 2.5 का स्तर भी चढ़ा ऊपर
वायु प्रदूषण के लिहाज से पीएम-10 की अपेक्षा अधिक छोटे 2.5 के प्रदूषण कण अधिक खतरनाक होते हैं। प्रदूषण के कण अति सूक्ष्म होते हैं और सांस लेते समय यह सीधे फेफड़ों में जा सकते हैं। लॉकडाउन में मिली अतिरिक्त छूट के चलते पीएम-2.5 की मात्रा घंटाघर स्टेशन पर मानक से अधिक 79.28 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गई है। इसकी अधिकतम सीमा 60 होनी चाहिए। इस स्टेशन के छह अप्रैल के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, मगर इसी के पास सर्वे चौक स्टेशन के आंकड़े देखें तो यहां लॉकडाउन के पहले चरण में यह मात्रा 33.99 थी। इस तरह अधिक सूक्ष्म प्रदूषण कणों में 133.24 फीसद का इजाफा पाया गया। अनलॉक में भी यह मानक के अनुरूप नहीं रहा।
जून में वायु प्रदूषण की स्थिति
- स्टेशन---------------पीएम-10------------पीएम-2.5
- घंटाघर---------------120---------------उपलब्ध नहीं
- सर्वे चौक------------97.53---------------64.54
- आइएसबीटी-------112.56---------------75.5
- (नोट: जुलाई, अगस्त व सितंबर में अब तक बारिश का मौसम होने के चलते वायु प्रदूषण के कण जल्द नीचे बैठ जाते हैं। लिहाजा, ऐसे मौसम के आंकड़े विश्वसनीय नहीं माने जाते।)