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एम्स ऋषिकेश निदेशक की बहन प्रो. शशि प्रतीक का निधन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत की बहन प्रो. शशि प्रतीक (72 वर्ष) का बीमारी की हालत में एम्स में निधन हो गया। गंगा तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनका एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा था।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 02:04 PM (IST)
एम्स ऋषिकेश निदेशक की बहन प्रो. शशि प्रतीक का निधन
प्रो. शशि प्रतीक (72 वर्ष) का बीमारी की हालत में एम्स में निधन हो गया।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत की बहन प्रो. शशि प्रतीक (72 वर्ष) का बीमारी की हालत में एम्स में निधन हो गया। गंगा तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत की बहन प्रोफेसर शशि प्रतीक पिछले डेढ़ माह से अस्वस्थ थी। उनका एम्स ऋषिकेश में उपचार चल रहा था। बीती शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। 

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एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि प्रोफेसर शशि प्रतीक जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ थी। देश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में उन्होंने अपनी सेवाएं दी थी। उनके पति डा. केपी मलिक प्रसिद्ध आई सर्जन हैं। उनकी बेटी को कोकिला कैलिफोर्निया में और बेटा आदित्य पेरिस में रहता है। प्रोफेसर शशि प्रतीक ने कुछ वर्ष पूर्व एम्स ऋषिकेश में भी सेवाएं दी थी। मुक्तिधाम ऋषिकेश में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे आदित्य ने चिता को मुखाग्नि दी। उनके निधन पर एम्स परिवार के सभी आचार्य, सहआचार्य व कर्मचारियों ने शोक संवेदना व्यक्त की।

इतिहास में हमेशा अमर रहेगा महाराणा प्रताप का नाम

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने गरीबों एवं असहायों को भोजन वितरित कर जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न प्रदान किया। इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष डा. राजे सिंह नेगी ने कहा कि वीर प्रतापी महाराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके। अकबर की सेना उनके सामने युद्ध करने से कतराती थी। 

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उनकी वीरता ने ही उन्हें वीर शिरोमणि बनाया। महाराणा प्रताप ने कई बार अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। उन्हें महल छोड़कर जंगलों में भी रहना पड़ा। अपने पूरे जीवन में उन्होंने संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा। इस अवसर पर उत्तम सिंह असवाल, विनायक गिरी, प्रवीन असवाल, सुरेश जोशी, राधे साहनी आदि उपस्थित थे।

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