पूर्व विधायक राजकुमार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ की कमान
प्रदेश कांग्रेस में नई इकाइयों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूर्व विधायक राजकुमार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश कांग्रेस में नई इकाइयों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूर्व विधायक राजकुमार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ तनातनी को लेकर चर्चित रहे इस प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से दर्शन लाल को हटना पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और पार्टी के अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दर्शन लाल को पद से हटाने के लिए प्रीतम सिंह कई दफा पार्टी हाईकमान से सिफारिश कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक तीन दफा उन्हें पद से निलंबित करने की कवायद हो चुकी है, लेकिन दर्शन लाल पद पर बने रहने में कामयाब रहे।
प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर उन्हें बीती 25 जुलाई को अनुशासन समिति ने नोटिस भी दिया था। दरअसल पार्टी के भीतर दर्शन लाल को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबियों में शुमार किया जाता है।
वर्ष 2012 में उत्तरकाशी जिले में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके दर्शन लाल वर्ष 2014 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें पार्टी में लाने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जाता है। इसके बाद ही उन्हें प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया था। आखिरकार दर्शन लाल के मामले में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की सिफारिश पर हाईकमान ने मुहर लगा दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने पूर्व विधायक राजकुमार को प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाने का आदेश जारी किया। पूर्व विधायक राजकुमार को हरीश रावत और प्रीतम सिंह दोनों का करीबी माना जाता है।
छोटी हो सकती है प्रीतम की नई कार्यकारिणी
प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का आकार अब छोटा रखा जा सकता है। पार्टी हाईकमान की ओर से ये संकेत मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नए सिरे से मशक्कत करनी होगी। उन्हें तीन-चार दिन में छोटी कमेटी देने को कहा गया है। इससे नई कार्यकारिणी के गठन का मामला आगे खिसकने के आसार हैं।
प्रदेश कांग्रेस की पहले 142 सदस्यीय नई जंबो कार्यकारिणी प्रस्तावित की गई थी। सबको साधने की रणनीति के तहत तैयार किए गए इस प्रस्ताव पर पहले हाईकमान की ओर से भी सैद्धांतिक सहमति दी गई थी। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह उत्तरप्रदेश की तर्ज पर नई कार्यकारिणी आकार जंबो रखने के पक्ष में नहीं बताए जा रहे हैं।
दिल्ली में दो दिन से डेरा डाले प्रीतम सिंह ने बुधवार को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल के साथ भी नई कार्यकारिणी को लेकर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान ने कार्यकारिणी का आकार छोटा रखने के संकेत प्रदेश अध्यक्ष को दिए हैं। साथ में उन्हें तीन-चार दिन के भीतर छोटी कार्यकारिणी को लेकर मशक्कत करने को कहा गया है।
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सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी का आकार 80 के आसपास रखने के पक्ष में हैं। इससे छोटी कार्यकारिणी में पार्टी के सभी धड़ों को साधना चुनौती रहेगा। बीती 17 दिसंबर को पार्टी हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद तकरीबन 430 सदस्यीय जंबो कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। इसके बाद से ही नई कार्यकारिणी का इंतजार किया जा रहा है। एक बार फिर यह मसला लटक गया है।
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