उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बोले, तरल नैनो यूरिया कृषि के लिए वरदान साबित होगा
उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तरल नैनो यूरिया का उत्पादन उत्तराखंड में कृषि के लिए वरदान साबित होगा। इस उत्पाद के आने से यूरिया का उपयोग कम होगा और यूरिया उर्वरक पर दी जाने वाले सब्सिडी में बचत होगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तरल नैनो यूरिया का उत्पादन उत्तराखंड में कृषि के लिए वरदान साबित होगा। इस उत्पाद के आने से यूरिया का उपयोग कम होगा और यूरिया उर्वरक पर दी जाने वाले सब्सिडी में बचत होगी। तरल नैनो यूरिया फसल उत्पादकता बढ़ाता है और पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को कम करता है।
इफको द्वारा तरल रूप में तैयार नैनो यूरिया का पहला ट्रक गुरुवार को उत्तराखंड के कृषकों के लिए गुजरात से रवाना हुआ। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इसे वर्चुअल फ्लैग आफ किया। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया की खोज उत्तराखंड की मिट्टी, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिहाज से महत्वपूर्ण है। विश्व में इफको द्वारा तरल नैनो यूरिया बिक्री के लिए पहला पेटेंट प्राप्त किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह प्रयास आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में कार्य करेगा। तरल रूप में 500 मिली नैनो यूरिया 45 किग्रा यूरिया के बराबर कार्य करेगा। इसकी 500 मिली की बोतल के परिवहन में आसानी होगी। इसके अलावा नैनो यूरिया (तरल) के उपयोग से उपज, बायोमास, मिट्टी के स्वास्थ्य और उत्पाद की पोषण गुणवत्ता में सुधार होता है। उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों, आवागमन की सुविधा के लिए नैनो यूरिया उत्पाद कृषकों तक आसानी से पहुंच सकेगा।
इससे कृषको को कृषि लागत में कमी आएगी और सरकार पर यूरिया उत्पादन का दबाव कम होगा। इफ्को के प्रबंध निदेशक डा. उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि विश्व में पहली बार इफको द्वारा नैनो यूरिया बनाया गया है। इसे स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है। इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने बताया कि नैनो यूरिया किसानों में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इस उत्पाद को किसानों को आनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में नैनो यूरिया के परिवहन एवं भंडारण में आसानी होगी।
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