Agriculture Laws: किसान हित में हैं कृषि कानून, कहीं भी नहीं बनेंगे बाधक- सीआइआइ
सीआइआइ की ओर से आयोजित वर्चुअल बैठक में कृषि विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानूनों को कृषकों के हित में बताया। जयपुर स्थित राष्ट्रीय कृषि एवं विपणन संस्थान के निदेशक डॉ. रमेश मित्तल ने कहा कृषि कानून किसानों को कई अधिकार देते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से आयोजित वर्चुअल बैठक में कृषि विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानूनों को कृषकों के हित में बताया। जयपुर स्थित राष्ट्रीय कृषि एवं विपणन संस्थान के निदेशक डॉ. रमेश मित्तल ने कहा कृषि कानून-2020 किसानों को यह अधिकार देते हैं कि वह अपने उत्पाद को कहीं भी किसी भी समय एमएसपी या उससे अधिक दामों में बेच सकते हैं।
नये कृषि कानून कहीं भी बाधक नहीं बनेंगे। हिमगिरी जी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डीन डॉ. शरद पांडे ने कहा कि कृषि कानून में कहीं भी मंडियों के बंद करने जैसे कोई बात नहीं है। केएलए इंडिया लिमिटेड रुद्रपुर के निदेशक अशोक अग्रवाल ने कृषि बिलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इससे देश की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी। वचरुअल बैठक में प्रगतिशील कृषक परमवीर सिरोही, रणवीर चौधरी सहित 150 से अधिक किसान जुड़े रहे।
किसान संगठन स्पष्ट करें अपनी बात
संयुक्त नागरिक संगठन ने किसान आंदोलन के लंबे खिंचने पर चिंता व्यक्त की। संगठन का कहना है कि सरकार बात करने को तैयार है, लिहाजा वह अपनी बात स्पष्ट करें। ताकि कोरोना महामारी के इस दौर में आंदोलन को शीघ्र समाप्त कराया जा सके।
संगठन की बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल (रिटा.) ने कहा कि किसान संगठन सिर्फ कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और अभी तक उनकी बात स्पष्ट नहीं हो पाई है। बढ़ती सर्दी के साथ कोरोना महामारी के प्रभावी होने के चलते हालात चिंताजनक हो रहे हैं। उन्होंने किसान संगठनों से अपील की कि वह कृषि कानूनों को लेकर स्पष्ट बात करें। सरकार वार्ता को तैयार है और कानून को लेकर उनकी न्यायोचित मांगों पर गौर करने को भी। बैठक में संगठन के मुख्य सचिव सुशील त्यागी, कर्नल बीएम थापा (रिटा.), सचिव डॉ. मुकुल शर्मा, प्रवक्ता वीएस बजाज, सुशीला बलूनी, मे. जनरल केडी सिंह उपस्थित रहे।