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नेताओं की शह पर फिर सजा प्रेमनगर में अतिक्रमण, पुराने स्वरूप में आने लगा बाजार

प्रेमनगर बाजार में हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा पक्की और कच्ची दुकानें तैयार हो गई हैं। यहां बाजार धीरे-धीरे पुराने स्वरूप में नजर आने लगा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 28 Apr 2019 02:27 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 08:34 AM (IST)
नेताओं की शह पर फिर सजा प्रेमनगर में अतिक्रमण, पुराने स्वरूप में आने लगा बाजार
नेताओं की शह पर फिर सजा प्रेमनगर में अतिक्रमण, पुराने स्वरूप में आने लगा बाजार

देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर बाजार में हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा पक्की और कच्ची दुकानें तैयार हो गई हैं। अफसरों की अनेदखी और नेताओं की शह मिलने से यहां बाजार धीरे-धीरे पुराने स्वरूप में नजर आने लगा है। खासकर लोकसभा चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता का अतिक्रमणकारियों ने खूब फायदा उठाया और यहां दोगुनी रफ्तार से अतिक्रमण कर लिया। अब अफसर भी दबी जुबां में कह रहे हैं कि आचार संहिता खत्म होने के बाद अतिक्रमण पर दोबारा कार्रवाई होगी। 

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हाईकोर्ट के आदेश पर प्रेमनगर बाजार में 14 सितंबर 2018 को अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। यहां 150 से ज्यादा छोटे-बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए गए थे। इससे प्रेमनगर का स्वरूप बदल गया था। हालांकि, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की व्यापारियों और वोट बैंक पर नजर रखने वाले नेताओं ने भी खूब विरोध किया। मगर, हाईकोर्ट के आदेश के आगे किसी की नहीं चली। अतिक्रमण हटा तो बाजार से लेकर मुख्य हाईवे खुला-खुला हो गया था। कुछ दिन लोगों ने भी खूब तारीफ की। 

मगर, समय बीतने के साथ ही अफसरों ने आंखें मूंद लीं। इसका फायदा नेताओं ने उठाया और चोरी-छिपे यहां दोबारा अतिक्रमण कराने की दबी जुबान में अनुमति दे दी। इसके बाद तो बाजार के हर कोने में पहले जैसा अतिक्रमण सजने लगा। खासकर ठाकुरपुर रोड पर दिन-रात पक्की और कच्ची दुकानों के निर्माण से पुरानी शक्ल में वापस आने लगी है। इसी तरह नंदा की चौकी से प्रेमनगर थाने के बीच में भी कई जगह अतिक्रमण सज गया है। दोबारा अतिक्रमण सजने में जितनी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है, उससे ज्यादा यहां कैंट बोर्ड की भी है। दोनों में आपसी समन्वय न होने का फायदा व्यापारी खूब उठा रहे हैं। खासकर हाईकोर्ट के आदेश में साफ कहा गया था कि अतिक्रमण हटाने के बाद यहां नियोजित विकास किया जाए।

इसमें सड़क, नाली, फुटपाथ और रेलिंग का कार्य भी शामिल था। मगर, यहां अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन की कार्रवाई पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई। लोकसभा चुनाव के बाद तो यहां कोई अफसर जाने की भी हिम्मत नहीं जुटा रहा है। इसका फायदा अतिक्रमणकारी खूब उठा रहे हैं। 

लाखों रुपये की बर्बादी 

हाईकोर्ट के आदेश पर यहां लाखों रुपये खर्च कर अतिक्रमण हटाया गया था। इसके लिए जेसीबी, क्रेन, डंपर से लेकर मजूदरों ने कई दिनों तक काम किया। इसके अलावा पांच सौ से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान में शामिल हुए। इन पर लाखों रुपये खर्च हुआ था। मगर, अतिक्रमण हटाते ही यहां स्थिति जस की तस हो गई है।

 

सड़क चौड़ीकरण की कार्रवाई ठप 

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने नंदा की चौकी से प्रेमनगर थाने तक फोर लेन सड़क निर्माण का प्रस्ताव बनाया था। मगर, चुनाव आचार संहिता लगते ही यहां सड़क के कुछ हिस्से में लीपापोती कर जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी गई। अब चौड़ीकरण का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। इससे भी अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हुए। 

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि अभी लोकसभा की आचार संहिता लगी हुई है। यदि हटाए गए स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण हुआ तो आचार संहिता के बाद सख्ती से उन पर कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सूरत में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। 

जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन का कहना है कि प्रेमनगर में अतिक्रमण पर नजर रखी जा रही है। चुनाव तैयारी के चलते कुछ व्यस्तता रही। एसडीएम सदर से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी जाएगी। हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा अतिक्रमण हुआ तो कार्रवाई होगी। 

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