जूनियर साइंटिस्ट हंट में आदित्य और आयुष रहे अव्वल, पढ़िए पूरी खबर
दैनिक जागरण के तत्वावधान में प्रदेश के बाल विज्ञानियों को मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किए गए जूनियर साइंटिस्ट हंट का परिणाम घोषित कर दिया गया। इसमें प्रदेशभर से 200 से ज्यादा छात्रों ने प्रतिभाग किया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। 'दैनिक जागरण' के तत्वावधान में प्रदेश के बाल विज्ञानियों को मंच प्रदान करने के लिए आयोजित किए गए 'जूनियर साइंटिस्ट हंट' का परिणाम घोषित कर दिया गया। इसमें प्रदेशभर से 200 से ज्यादा छात्रों ने प्रतिभाग किया था। कक्षा छह से आठ तक 'ए' कैटेगरी और कक्षा नौ से 12 तक की 'बी' कैटेगरी में छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। दोनों कैटेगरी में तीन-तीन छात्र-छात्राओं को विजेता चुना गया। सभी विजेताओं को होली के बाद पुरस्कृत किया जाएगा।
'दैनिक जागरण' ने रुड़की स्थित क्वांटम यूनिवर्सिटी, उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकॉस्ट) और दून डिफेंस एकेडमी के साथ मिलकर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया था। 24 फरवरी से सात मार्च तक प्रदेशभर के छात्र-छात्राओं से आवेदन मांगे गए थे। छात्रों को विज्ञान का कोई मॉडल या प्रोजेक्ट बनाकर उसका दो मिनट का वीडियो दैनिक जागरण को भेजना था। निर्णायक की भूमिका में संचार विज्ञान के क्षेत्र में दो बार राष्ट्रीय पदक प्राप्त करने वाले स्पेक्स के सचिव डॉ. बृज मोहन शर्मा और यूकॉस्ट के आंचलिक विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. कैलाश एन. भारद्वाज शामिल रहे।
ये रहे विजेता
- ए कैटेगरी : राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, देवीधार (टिहरी) के आदित्य कड़ाकोटी अव्वल रहे। इन्होंने आधुनिक ब्लैक बोर्ड बनाया। दूसरे स्थान पर दिल्ली पब्लिक स्कूल देहरादून की छात्रा नीलीशा नायर रहीं। इन्होंने भूकंप सूचक यंत्र तैयार किया। तीसरे स्थान पर देहरादून स्थित कॉन्वेंट ऑफ जीसस मैरी की मैत्री श्रीवास्तव रहीं। इन्होंने बैटरी से संचालित होने वाला बॉटल क्लीनर तैयार किया।
- बी कैटेगरी : पहले स्थान पर केंद्रीय विद्यालय आइएमए के आयुष बमनिया रहे। इन्होंने ए वाइस टू म्यूल पीपल नाम का प्रोजेक्ट तैयार किया, जो मूक बधिर व्यक्तियों के इशारों को आवाज देने में सक्षम है। दूसरे स्थान पर राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल (देवप्रयाग) के सौरभ उमरियाल रहे। इन्होंने सौर ऊर्जा पर आधारित कोल्ड स्टोर तैयार किया। तीसरे स्थान पर द एशियन स्कूल देहरादून के नंदन सोनी रहे। नंदन ने गो कोरोना टैप तैयार किया, जिसमें पानी की बर्बादी रोकने के साथ कोरोना से सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है।
डॉ. बृज मोहन शर्मा (विज्ञानी) ने कहा कि शहर के बच्चों के मुकाबले पहाड़ के बच्चों ने अपने आसपास और आम जनजीवन से जुड़ी समस्याओं को दर्शाते हुए प्रोजेक्ट ज्यादा भेजे। खास बात यह भी है कि छठी से आठवीं तक के छात्रों ने ज्यादा नवाचार दिखाया। नौवीं से 12वीं तक के ज्यादातर छात्रों ने पहले से बन चुकी चीजों के प्रोजेक्ट तैयार किए। दैनिक जागरण की इस पहल ने बच्चों में विज्ञान के अलग-अलग विषयों के प्रति रुझान की स्थिति स्पष्ट की है।
-डॉ. कैलाश एन भारद्वाज (प्रभारी, आंचलिक विज्ञान केंद्र, यूकॉस्ट) ने कहा कि दैनिक जागरण की यह पहल बेहद सफल रही। जागरण की इस प्रतियोगिता से प्रदेश के उन इलाकों के बच्चे भी जुड़े, जो विज्ञानियों के बड़े-बड़े आयोजनों से भी वंचित रह जाते हैं। प्रतियोगिता में निजी स्कूलों के छात्रों के मुकाबले सरकारी स्कूलों के छात्रों ने रोजमर्रा के जीवन से जुड़े ज्यादा प्रोजेक्ट भेजे।
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