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विदेश भेजने के नाम पर लाखों ठगने वाला चौथी फेल गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार

विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। फर्जी कार्यालय खोलकर लाखों ठगने के बाद से फरार चल रहे गिरोह के सरगना को पुलिस ने कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 08:43 PM (IST)
विदेश भेजने के नाम पर लाखों ठगने वाला चौथी फेल गिरफ्तार, ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार
विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर युवाओं को ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। फर्जी कार्यालय खोलकर लाखों ठगने के बाद से फरार चल रहे गिरोह के सरगना को पुलिस ने कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। 30 से अधिक युवाओं से करीब 25 लाख रुपये हड़पकर आरोपित फरार हो गए थे। चौथी फेल ठग ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में ठगी की वारदात की हैं।

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पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोबाल ने बताया कि कोतवाली कैंट में बीते आठ दिसंबर को रविंद्र सिंह निवासी क्लेमेनटाउन ने तहरीर दी कि निर्मल सिंह व राजपाल सिंह का फास्ट वे टूर एंड ट्रैवल नाम से बल्लूपुर चौक पर कार्यालय है। जो विदेश भेजने व विदेश में नौकरी दिलाने का दावा करते हैं। बताया कि निर्मल सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे सिंगापुर में इंटर कॉन्टीनेंटल होटल में एकाउंट ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। जिस पर पीड़ि‍त ने 40 हजार रुपये नकद और 60 हजार रुपये चेक के माध्यम से आरोपितों को दिए। जिसके बाद न तो उसे विदेश भेजा गया और न ही रकम वापस की गई।

इसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की। एसपी सिटी ने बताया कि विवेचना के दौरान प्रकाश में आया कि निर्मल सिंह और उसके साथियों ने करीब 40 व्यक्तियों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर 20-25 लाख रुपये लेकर उनके पासपोर्ट आदि कागजात अपने पास रखे। उसके बाद उन्हें विदेशी कंपनियों के फर्जी नियुक्ति पत्र व फर्जी वीजा देकर दो माह में ही कार्यालय बंद कर फरार हो गए थे। मामले में कार्रवाई को पुलिस टीम गठित की गई और आरोपितों की तलाश शुरू हुई। पुलिस ने पीड़ि‍तों से  पूछताछ कर अभिलेखों की पड़ताल की तो पाया कि निर्मल सिंह पुत्र वीर सिंह निवासी उगो मोगा पंजाब गिरोह का सरगना है और उसका नाम-पता फर्जी है।

मोबाइल नंबर भी फर्जी आइडी पर लिए गए हैं। एपपी सिटी ने बताया कि आरोपित ने नाम-पता बदलकर फर्जी परिचय पत्र बनवाया और देहरादून में कार्यालय खोला। निर्मल नाम की आइडी से जिस व्यक्ति ने देहरादून में कार्यालय खोला उसका असली नाम  लक्ष्मी नारायण उर्फ विनोद निवासी वार्ड नं-1 रेलवे रोड ग्राम कलायत जिला कैथल हरियाणा है। यह भी जानकारी सामने आई कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ आदि स्थानों पर भी आरोपित कई व्यक्तियों को ठगी का शिकार बना चुका है। पुलिस को सूचना तंत्र से मिली जानकारी के बाद आरोपित लक्ष्मी नारायण उर्फ विनोद को कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से कुछ फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

ऐसे बनाते थे ठगी का शिकार

गिरोह के सरगना ने पूछताछ मे बताया कि वह चौथी फेल है और अपने गांव में बारबर शॉप चलाता है। पिछले साल उसकी मुलाकात चंडीगढ़ में विक्की उर्फ लखविंदर नाम के व्यक्ति से हुई। जो विदेश भेजने के नाम पर मोटी रकम ऐंठता था। तब उसने विक्की के साथ मिलकर यमुनानगर में ऑफिस खोला था। कुछ व्यक्तियों को ठगने के बाद वे ऑफिस बंद कर फरार हो गए। वे पैसा और व्यक्तियों के दस्तावेज जमा कराते और कुछ दिन बाद गायब हो जाते। बताया कि व्यक्तियों के दस्तावेजों के आधार पर ही वे नए मोबाइल सिम और नए स्थान पर कार्यालय खोल देते। एक से दो माह तक कार्यालय खोलने के बाद वे ठगी कर फरार हो जाते थे। हिसार में निर्मल सिंह नाम के व्यक्ति को ठगने के बाद देहरादून में उन्होंने निर्मल सिंह के नाम से फास्ट वे टूर एंड ट्रैवल कंपनी खोली थी।

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