सरकार के खिलाफ प्रदेशभर में आप पार्टी का हल्ला बोल, विधायकों से मांगा कार्यों का हिसाब
आप के कार्यकर्त्ता प्रदेशभर में विधायकों के आवास पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि उत्तराखंड में सरकार और विधायक बीते पांच सालों में किए गए कार्यों को गिनाएं। उनका आरोप है कि बीते वर्षों में राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल हो गई।
जागरण संवाददाता, देहरादून : आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्त्ताओं ने प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनके किए गए कार्यों का हिसाब मांगा। रविवार सुबह आप कार्यकर्त्ता पूर्व मुख्यमंत्री व डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेहरू कालोनी स्थित कार्यालय पहुंचे। यहां पुलिस के साथ कहासुनी होने के बाद कार्यकत्र्ता सड़क पर बैठ गए और प्रदर्शन करने लगे।
ऊधर, धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकत्र्ता विधायक हास्टल पहुंचे। जहां पुलिस ने गेट बंद कर दिया। इससे नाराज कार्यकत्र्ता हास्टल के बाहर धरने पर बैठ गए और धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के खिलाफ नारेबाजी की। राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्त्ताओं ने भाजपा महानगर कार्यालय के बाहर क्षेत्रीय विधायक खजानदास के खिलाफ प्रदर्शन किया। रायुपर विधायक उमेश शर्मा काऊ के घर के बाहर भी आप कार्यकत्र्ताओं ने धरना दिया। प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र आनंद के नेतृत्व में कैंट विधायक हरबंश कपूर के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय का घेराव किया।
उक्रांद ने घस्यारी योजना को लेकर राज्य सरकार को घेरा
उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने घस्यारी कल्याण योजना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही इसमें घोटाले की भी आशंका जताई है।
दल के केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी ने कहा कि उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत से आई भाजपा सरकार अपने चुनावी वायदों को पूरा नहीं कर पाई। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए 100 दिन में लोकायुक्त लाने का वायदा कोरा साबित हुआ। कृषि को बढ़ावा देने के लिए चकबंदी लागू करने की योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। डेढ़ लाख युवाओं को रोजगार का वायदा फेल हो चुका है। राज्य के प्रशिक्षित बेरोजगार सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। प्रवासियों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री रोजगार योजना असफल हो चुकी है। जरूरतमंदों को इससे कोई लाभ नहीं मिला। कोरोनाकाल में जो प्रवासी लौटे, वह दोबारा रोजी-रोटी के लिए वापस जा चुके हैं। दल का मानना है कि सहकारिता विभाग के अरबों रुपये की बंदरबांट के लिए इस योजना को लाया गया है।
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