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डिग्री कॉलेजों में सीटों की कमी का ढूंढ निकाला तोड़, बढ़ेंगी इतनी फीसद सीट

प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों में परास्नातक सीटों में पांच से दस फीसद और स्नातक सीटों में 30 से 40 फीसद तक सीटें बढ़ाई जाएंगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 01:29 PM (IST)
डिग्री कॉलेजों में सीटों की कमी का ढूंढ निकाला तोड़, बढ़ेंगी इतनी फीसद सीट
डिग्री कॉलेजों में सीटों की कमी का ढूंढ निकाला तोड़, बढ़ेंगी इतनी फीसद सीट

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: डिग्री कॉलेजों में सीटों की कमी को देखते हुए दाखिले में हो रही परेशानी का तोड़ उच्च शिक्षा महकमे ने ढूंढ निकाला है। प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के संघटक कॉलेजों में परास्नातक सीटों में पांच से दस फीसद और स्नातक सीटों में 30 से 40 फीसद तक सीटें बढ़ाई जाएंगी। 

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उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में उच्च शिक्षा महकमे की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। यह तय किया गया कि सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य को ध्यान में रखकर किसी को भी शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। लिहाजा दाखिलों को लेकर होने वाली दिक्कतों के समाधान को सीटें बढ़ाई जाएंगी। कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में सीटों को लेकर विशेष समस्या के समाधान को स्वपोषित एवं सांध्यकालीन जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा। 

यह भी तय किया गया कि सरकारी डिग्री कॉलेजों में राज्य लोक सेवा आयोग से नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर मिलने तक संविदा व अंशकालिक शिक्षक पढ़ाएंगे। जिन विषयों में शिक्षकों की मांग है, वहां से प्रस्ताव बनाकर प्राचार्य एक हफ्ते के भीतर निदेशालय को भेजेंगे। बैठक में प्राचार्यों की डीपीसी जल्द कराने के निर्देश भी दिए गए। जिन कॉलेजों में सीटें खाली हैं, वहां ऑफलाइन प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी। इस वर्ष 95 फीसद छात्रों के ऑनलाइन दाखिले को उपलब्धि करार दिया गया। साथ ही पहली बार सत्र नियमित हुआ है। छात्रहित में सत्र नियमित किए जाने पर जोर दिया गया। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य है, जिसने लिंगदोह समिति की सिफारिशों में संशोधन किया है। पूरे शैक्षिक सत्र में अब 180 दिन पढ़ाई की व्यवस्था होगी। इस मौके पर उच्च शिक्षा अपर सचिव अशोक कुमार, प्रभारी निदेशक डॉ जेसी घिल्डियाल, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यूएस रावत, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डीके नौरियाल समेत कई कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद थे। 

 डीएवी में प्रथम मेरिट लिस्ट के हुए 2057 दाखिले

डीएवी महाविद्यालय में प्रथम मेरिट लिस्ट के तहत बीए, बीएससी और बीकॉम में 2057 दाखिले हुए। एक अगस्त को पहली प्रतीक्षा सूची जारी की जाएगी। प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि बीए प्रथम वर्ष में 810 छात्र-छात्राओं ने दाखिले लिए। जबकि, बीकॉम में 799 और बीएससी में 448 दाखिले हुए। उन्होंने बताया कि प्रथम प्रतीक्षा सूची के जारी होने के बाद दो और तीन अगस्त को दाखिले लिए जाएंगे। बीए प्रथम वर्ष में निर्धारित 1475 सीटें हैं, जिनके लिए 5692 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। इसलिए एक भी सीट खाली रहने की संभावना नहीं है। इसी प्रकार बीएससी और बीकॉम की निर्धारित 1200-1200 सीटों के लिए क्रमश: 4139 व 3251 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। जिससे इन दोनों संकायों में भी सभी सीटों पर दाखिले हो जाएंगे। बताया कि दाखिला समिति को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दाखिला देने से पूर्व सभी छात्रों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की सत्यता की पूरी जांच करें और शंका होने पर पूरी दाखिला समिति छात्र के प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता की जांच कर ही दाखिला दें। अभी तक बीए एवं बीकॉम में दाखिला लेने वाले दो छात्रों की अंक तालिका फर्जी पाई गई है। 

 एसजीआरआर के छात्रों ने किया रक्तदान: श्री गुरुराम राय विवि में सोमवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर महंत इंदिरेश अस्पताल की ओर से आयोजित किया गया था। शिविर के समन्वयक अमित चंद्रा की ओर से छात्रसंघ के नेतृत्व में शिविर आयोजित किया गया। रक्तदान शिविर में छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी भाग लिया। इस मौके पर एसजीआरआर महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम रावत, सोनू सरदार, विपिन कुमार, आसिफ, वसीम आदि मौजूद रहे।

एमकेपी में एनसीसी इकाई मांगी

अखंड भारतीय छात्र संगठन ने एमकेपी पीजी कॉलेज में एनसीसी यूनिट खुलवाने की मांग को लेकर प्राचार्य डॉ. सुनीता कुमार को ज्ञापन सौंपा। जिला संगठन मंत्री पूजा चौहान ने कहा कि परिसर में एनसीसी इकाई न होने से दाखिलों की संख्या में कमी आई है। कई छात्राएं एनसीसी न होने के कारण दूसरे कॉलेजों में दाखिला ले रही हैं। इस दौरान शिल्पा, मानसी आर्या, दिक्षा, पूनम, मालती, आसना, प्रेरणा आदि लोग मौजूद रहे।

आठ अगस्त को होगा डीएवी का दीक्षांत समारोह

डीएवी महाविद्यालय का दीक्षांत समारोह आठ अगस्त को आयोजित किया जाएगा, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत करीब 700 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान करेंगे। समारोह की अध्यक्षता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल करेंगी।

डीएवी का दीक्षांत समारोह सात साल बाद आयोजित हो रहा है। आखिरी दीक्षांत समारोह तीन मार्च 2011 को आयोजित किया गया था, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि तत्कालीन सांसद गाजियाबाद राजनाथ सिंह और तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने उपाधि प्रदान की थी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत समारोह में शामिल होने का न्योता स्वीकार कर लिया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत प्रतिभाग करेंगे। बताया कि समारोह महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक चलेगा। बताया कि दीक्षांत समारोह आयोजन समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उपाधि लेने वाले छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत रूप से भी सूचित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री विभिन्न श्रेणियों में पदाधि प्रदान करेंगे।

खजानदास ने एमकेपी कॉलेज को दिए 10 लाख

राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र के विधायक खजानदास ने एमकेपी महाविद्यालय में विभिन्न रखरखाव कार्यों के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपये देने का आश्वासन दिया। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सुनीता कुमार ने विधायक की इस घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आशा है कि भविष्य में भी विधायक की ओर से एमकेपी कन्या महाविद्यालय को सहयोग मिलता रहेगा। 

इससे पूर्व विधायक ने कॉलेज परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने जलभराव वाले स्थानों पर पक्का फर्श और सड़क निर्माण करने को कहा। इस मौके पर कॉलेज शिक्षक संघ की अध्यक्ष डॉ. चेतना पोखरियाल, सचिव डॉ. ममता सिंह, डॉ. तुलिका चंद्रा, डॉ. पुनीत सैनी, डॉ. शानिली उनियाल, डॉ. साधना गुप्ता ने विधायक का स्वागत किया।

डीबीएस में जगेंद्र स्वरूप को याद किया: दयानंद शिक्षा संस्थान कानपुर के तहत संचालित डीबीएस महाविद्यालय ने अपने महासचिव जगेंद्र स्वरूप की चौथी पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्राचार्य डॉ.एके बियानी ने बताया कि जगेंद्र स्वरूप उत्तर प्रदेश विधान परिषद में लगातार छह बार चुने गए थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कॉलेज के सभी छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

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