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कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती राजस्व ग्रामों के समग्र विकास के लिए 40 करोड़ की जेफ-6 परियोजना शुरू

कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती राजस्व ग्रामों के समग्र विकास के लिए करीब 40 करोड़ लागत की जेफ-6 परियोजना की जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने शुरुआत की। उन्होंने महिला प्रेरक सहित अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की भी घोषणा की।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:33 PM (IST)
कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती राजस्व ग्रामों के समग्र विकास के लिए 40 करोड़ की जेफ-6 परियोजना शुरू
40 करोड़ लागत की जेफ-6 परियोजना की जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने शुरुआत की।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती राजस्व ग्रामों के समग्र विकास के लिए करीब 40 करोड़ लागत की जेफ-6 परियोजना की जलागम प्रबंधन मंत्री सतपाल महाराज ने शुरुआत की। उन्होंने महिला प्रेरक सहित अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की भी घोषणा की।

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मंगलवार को इंदिरा नगर स्थित जलागम निदेशालय के सभागार में जीईएफ पोषित ग्रीन एग्रीकल्चर परियोजना की इंसेप्शन कार्यशाला का भी शुभारंभ हुआ। जलागम प्रबंधन मंत्री ने जेफ-6 परियोजना की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ जलागम प्रबंधन निदेशालय के अधिकारियों की कार्यशाला को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड के दो राष्ट्रीय उद्यानों के भू-परिदृश्य क्षेत्र में समीपवर्ती गांवों के समग्र विकास के लक्ष्य को लेकर तैयार की गई है। परियोजना के माध्यम से चयनित राजस्व ग्रामों में जल संरक्षण, संवर्धन और कृषि जैव विविधता संबंधी कार्यों के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि संरक्षित वन्यजीव क्षेत्रों के समीप होने के कारण परियोजना के गांव में इको टूरिज्म की संभावनाएं भी हैं। उन्होंने परियोजना के अंतर्गत चयनित राजस्व ग्रामों में जलवायु परिवर्तन, न्यूनीकरण, कृषि क्षेत्र सुधार, जैव विविधता संरक्षण, मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम, समन्वय गतिविधियां, समुदाय विकास व संवर्धन मूल्य विकास पर फोकस किया जाएगा।

कोविड-19 महामारी के कारण परियोजना शुरू होने में लगभग एक वर्ष से अधिक की देरी हुई है, लेकिन अब सात वर्षीय यह परियोजना 31 मार्च, 2026 तक पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा। कार्यशाला की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने की।

उन्होंने जेफ के भारतीय प्रतिनिधि रोमियों सैकिरी का आभार जताते हुए बताया कि उनके प्रयासों से ही इस परियोजना के लिए उत्तराखंड का चयन किया गया है। परियोजना निदेशक नीना ग्रेवाल ने परियोजना की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

महिला प्रेरक के मानदेय में की बढ़ोत्तरी

जलागम मंत्री ने बताया कि जलागम विभाग के अंतर्गत कार्यरत महिला प्रेरक, जिन्हें पूर्व में 2000 रुपये मिलते थे, उसे बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है। जबकि लेखा सहायक का मानदेय भी 500 रुपये बढ़ाया गया है। प्रोजेक्ट एसोसिएट व एमआइएस एक्सपर्ट को मिलने वाली राशि 20-20 हजार रुपये से बढ़ाकर 25-25 हजार रुपये कर दी गई है।

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