Move to Jagran APP

उत्तराखंड में हफ्तेभर में 3000 पेड़ लील गई जंगल की आग

जंगल की आग हफ्तेभर में तीन हजार से अधिक पेड़ जल गए। जिस तरह से पेड़ और प्लांटेशन को नुकसान पहुंच रहा है, उससे विभाग की कायशैली पर भी सवाल उठने लाजिमी हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 10:45 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 05:04 PM (IST)
उत्तराखंड में हफ्तेभर में 3000 पेड़ लील गई जंगल की आग
उत्तराखंड में हफ्तेभर में 3000 पेड़ लील गई जंगल की आग

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में विकराल हुई जंगल की आग हफ्तेभर में तीन हजार से अधिक पेड़ों को लील गई। इसके अलावा 33 हेक्टेयर क्षेत्र में पिछले दो सालों में रोपे गए पौधे भी पनपने से पहले ही खाक हो गए। हालांकि, आग की घटनाओं में कुछ कमी जरूर दर्ज की गई है, लेकिन जिस तरह से पेड़ और प्लांटेशन को नुकसान पहुंच रहा है, उससे विभाग की कायशैली पर भी सवाल उठने लाजिमी हैं।

prime article banner

पारे के पहाड़ चढ़ने के साथ ही प्रदेश में जंगल की आग 19 मई से जंगल की आग भी तेजी से भड़की। तब से अब तक के वक्फे में पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, वन महकमा अभी तक जंगलों में सरफेस फायर होने और इसमें झाड़ि‍यों और सतह पर जमा पत्तियों के ढेर जलने की बात करता आया है, लेकिन हफ्तेभर में न सिर्फ बड़े पैमाने पर पेड़ जले, बल्कि बड़ी संख्या में जंगलों में रोपे गए पौधे भी राख हुए हैं।

विभागीय आंकड़ों को ही देखें तो गढ़वाल क्षेत्र में सबसे अधिक 2505 पेड़ जले, जबकि वन्यजीव संगठन के अंतर्गत आने वाले संरक्षित क्षेत्र में 500 और शिवालिक क्षेत्र में यह संख्या 20 रही। यही नहीं, गढ़वाल रीजन में 13.5 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपे गए पौधे नष्ट हो गए। इसके अलावा कुमाऊं में 12.5 और शिवालिक रीजन में 7.2 हेक्टेयर प्लांटेशन अब तक तबाह हो चुका है।

यह तो सरकारी आंकड़े हैं, जबकि जिस हिसाब से आग फैली है उसे देखते हुए पेड़ों व प्लांटेशन के जलने की संख्या कहीं अधिक हो सकती है। आग से वन संपदा को पहुंच रही इस क्षति के मामले में विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। यह किसी से छिपा नहीं है कि हर साल ही जंगल की आग मुसीबत का सबब बनती है। बावजूद इसके जिन क्षेत्रों में पिछले दो सालों में पौधरोपण किया, उनकी सुरक्षा के पक्ष को क्यों तवज्जो नहीं दी गई।

सिस्टम सक्रिय, दावानल में मामूली सुधार

मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सिस्टम सक्रिय हुआ है। इस बीच राज्य में आग की घटनाओं में मामूली सुधार हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान आग की 188 घटनाएं सामने आईं, जबकि गुरुवार को यह आंकड़ा 202 था। वहीं, वन विभाग की ओर से दावानल पर नियंत्रण के मद्देनजर 6.75 करोड़ की राशि शुक्रवार को जारी कर दी गई। यही नहीं, नौ हजार से अधिक लोग आग बुझाने में जुटे हैं। वहीं, जंगलों की आग के चलते छायी धुंध दिक्कत भी बढ़ा रही है। इसी के चलते शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत टिहरी महोत्सव में काफी विलंब से पहुंचे।

बताया गया कि सुबह के वक्त टिहरी के आसपास छायी धुंध की वजह से दृश्यता काफी कम थी, जिससे हेलीकॉप्टर समय पर उड़ान नहीं भर पाया। शुक्रवार को दावानल से निबटने को क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन प्राधिकरण (कैंपा) से 1.75 करोड़ और राज्य सेक्टर से 5.00 करोड़ की राशि जारी कर दी। नोडल अधिकारी वनाग्नि बीपी गुप्ता के अनुसार यह राशि सभी प्रभागों को वितरित भी कर दी गई है। इससे पहले सभी प्रभागों को साढ़े छह करोड़ की राशि जारी की गई थी। वहीं, राज्यभर में आग बुझाने को पूरा अमला जुटा हुआ है। वन विभाग के 4000 कर्मियों के अलावा 3500 फायर वाचर, 1500 स्थानीय लोगों के साथ ही जगह-जगह एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व पुलिस के जवान इसमें जुटे हैं। यही नहीं, जिला प्रशासन भी लगातार सक्रिय हैं और डीएम दावानल पर नजरें बनाए हुए हैं।

इस बीच रुद्रप्रयाग में गुरुवार रात जिला मुख्यालय के नजदीक आग पहुंची तो इसे बुझाने की अगुआई डीएम मंगेश घिल्डियाल ने संभाली। वह भी वनकर्मियों व ग्रामीणों के साथ रात दो बजे तक आग बुझाने में जुटे रहे। उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक में राजकीय इंटर कॉलेज साल्ड के करीब पहुंची आग को विद्यार्थियों व शिक्षकों ने बुझाया। अलबत्ता, इसी जिले में चिन्यालीसौड़ के धरासू रेंज में एक गोशाला आग से जल गई। वहीं, अल्मोड़ा में आग बुझाते वक्त एक फायर वाचर झुलस गया।

जंगल की आग (शुक्रवार तक)

क्षेत्र----------------घटनाएं-------प्रभावित क्षेत्र------------क्षति

गढ़वाल---------------680--------1726.35------------3634319

कुमाऊं----------------388---------797.43------------1619799.5

वन्यजीव संगठन----- 57--------- 125.136-----------230121

शिवालिक-------------211,---------212.85------------332202.5

(नोट: क्षेत्र हेक्टेयर और क्षति रुपये में)

यह भी पढ़ें: जंगल की आग से मकान जला, कर्मी झुलसा; अब तक 54 लाख से अधिक की क्षति

यह भी पढ़ें: जंगलों में आग हुई विकराल, लपटों के बीच भागकर छात्राओं ने बचाई जान

यह भी पढ़ें: जंगल की आग से घिरा स्कूल, 650 बच्चों की ऐसे बचाई जान; लेगें हेलीकॉप्टरों का सहारा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.