उत्तराखंड में प्रतिबंधित होंगे 27 कीटनाशक
कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल से जहरीली होती खेती को बचाने के मकसद से प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल से जहरीली होती खेती को बचाने के मकसद से प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित किए जाने की अधिसूचना जारी होने के बाद अब उत्तराखंड में भी इन्हें प्रतिबंधित किया जा रहा है। ये वे कीटनाशक हैं, जिन्हें मनुष्य के साथ ही अन्य जीवों के लिए खतरनाक माना गया है। विश्व के तमाम देशों में भी ये प्रतिबंधित हैं।
कृषि कार्याें में उपयोग में लाए जा रहे कीटनाशकों से मनुष्य और पशु-पक्षियों व जलीय जीवों पर पड़ रहे असर के मद्देनजर केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों से रिपोर्ट मांगी। इसमें बात सामने आई कि 27 कीटनाशकों के इस्तेमाल से मनुष्य, पशु-पक्षियों, जलीय जीवों के लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है। यह भी कहा गया कि इसी के चलते दुनिया के तमाम देशों में इन्हें प्रतिबंधित किया गया है। सभी पहलुओं पर विचार के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इन 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। इस सबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
केंद्र के इस फैसले के बाद अब उत्तराखंड में भी इन कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने की कवायद शुरू की जा रही है। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार केंद्र सरकार ने अपने गजट नोटिफिकेशन में जिन कीटनाशकों को खतरनाक माना है, उन्हें यहां भी बैन किया जाएगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
------
ये कीटनाशक किए गए बैन
ऐसफेट, अल्ट्राजाईन, बेनफराकारब, बुटाक्लोर, कैप्टन, कारबेडेंजिम, कार्बोफ्यूरान, क्लोरप्यरिफॉस, 2.4-डी, डेल्टामेथ्रीन, डिकोफॉल, डिमेथोट, डाइनोकैप, डियूरॉन, मालाथियॉन, मैनकोजेब, मिथोमिल, मोनोक्रोटोफॉस, ऑक्सीफ्लोरीन, पेंडिमेथलिन, क्यूनलफॉस, सलफोसूलफूरोन, थीओडीकर्ब, थायोफनेट मिथाइल, थीरम, जीनेब व जीरम।
-----