विलंब से सूचना देने पर सीएमएस पर 25 हजार जुर्माना, पढ़िए पूरी खबर
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाएं विलंब से उपलब्ध कराने पर राज्य सूचना आयोग ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचनाएं विलंब से उपलब्ध कराने पर राज्य सूचना आयोग ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। आरटीआइ कार्यकर्त्ता विनोद कुमार जैन ने एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश से पांच बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। जिसमें उन्होंने चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन की ओपीडी में देखे गए मरीजों तथा उन्हें दी गई दवाओं की प्रति मांगी गई थी। इसके अलावा ओपीडी में दवा लिखने संबंधी शासन के निर्देशों से संबंधित पत्र, चिकित्सक के साथ सहायक रूप में तैनात स्टाप का ब्योरा आदि भी मांगा गया था।
उन्होंने बताया कि लोक सूचना अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की ओर से उन्हें तय समयावधि में सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गई। निर्धारित समय के बाद भी जो सूचनाएं उपलब्ध कराई गई, वह अधूरी और भ्रामक थी। जिसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयुक्त में अपील की। 18 मार्च को राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने इस मामले की सुनवाई की। जिसमें उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को अत्याधिक विलंब से सूचना देने और अपीलकर्ता की सूचना तक पहुंच में बाध उत्पन्न करने के लिए दोषी मानते हुए 250 रुपये प्रतिदिन की दर से अधिकतम 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही 28 अप्रैल को व्यक्तिगत, मोबाइल अथवा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से स्पष्टीकरण देने के भी आदेश दिए हैं।
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