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गांधी जयंती पर 24 कैदियों को मिला रिहाई का तोहफा, 11 भुगत रहे थे आजीवन कारावास

गांधी जयंती के अवसर पर 24 कैदियों को रिहा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें 11 आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 08:15 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 08:15 PM (IST)
गांधी जयंती पर 24 कैदियों को मिला रिहाई का तोहफा, 11 भुगत रहे थे आजीवन कारावास
गांधी जयंती पर 24 कैदियों को मिला रिहाई का तोहफा, 11 भुगत रहे थे आजीवन कारावास

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कारागार मुख्यालय ने गांधी जयंती के अवसर पर 24 कैदियों को रिहा करने के निर्देश जारी किए हैं। इनमें 11 आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे और 13 सिद्धदोष बंदी थे। इनके आचरण और स्वास्थ्य को देखते हुए शासन के निर्देशों के क्रम में कारागार मुख्यालय ने इन्हें रिहा करने के आदेश जारी किए हैं।

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बीते वर्ष केंद्र द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा बीते वर्ष से गांधी जयंती के अवसर पर कैदियों को रिहा किया जा रहा है। इनमें कैदियों के अपराध की प्रवृति, आचरण, आयु, पारिवारिक परिस्थितियां, भविष्य में अपराध करने की संभावना नहीं होने व स्वास्थ्य का संज्ञान लेते हुए सूचीबद्ध किया जाता है। इस बार भी तकरीबन ऐसे 40 से अधिक कैदियों को सूचीबद्ध किया था लेकिन शासन ने इसका परीक्षण कर 24 को रिहा करने के निर्देश दिए हैं।

आजीवन कारावास काट रहे समयपूर्व रिहा किए गए बंदियो में सभी हत्या के आरोप में जेल की सजा काट रहे थे। यह सभी कम से कम 14 वर्ष छह माह की सजा भुगत चुके हैं। इनमें देहरादून जेल से भगवती प्रसाद और राकेश, हरिद्वार जेल से रमजान, इकबाल और बलवीर, संपूर्णानंद शिविर, सितारगंज से मनोहर सिंहव भगवान सिंह और केंद्रीय कारागार सितारगंज से दलीप सिंह, बहादुर राम, जगदीप और मंजीत सिंह को रिहा किया गया है।

वहीं परिहार पा कर रिहा होने वाले सिद्धदोष बंदियों में केंद्रीय कारागार सितारगंज से रिजवान, केंद्रीय कारागार देहरादून से बादल, अरुण साहनी, जिला कारागार हरिद्वार से दीपक प्रजापति, सुमित सैनी, वरुण जिला कारागार अल्मोड़ा से अमरा देवी, गणेश बाल्मीकि और उप कारागार हल्द्वानी से सिंकदर, रमेश कुश्वाहा, मनोज, मोन मंडल और संतोष बिष्ट शामिल है। इनकी आयु 19 वर्ष से 92 वर्ष के बीच है। इनकी सजा दो से छह माह तक माफ करते हुए रिहाई दी गई है। 

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