आजीविका के साधनों के लिए 218 करोड़
राज्य में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा में निर्धारित लक्ष्य 710 करोड़ रुपये में से 218 करोड़ रुपये का आजीविका साधन पैकेज में उपयोग किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
राज्य में मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा में निर्धारित लक्ष्य 710 करोड़ रुपये में से 218 करोड़ रुपये का आजीविका साधन पैकेज में उपयोग किया जाएगा। यह धनराशि ग्रामीण बेरोजगार युवाओं के आजीविका के साधनों के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी।
गुरुवार को सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में महात्मा गाधी नरेगा आजीविका साधन पैकेज संबंधी बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं। उन्होंने आजीविका साधन पैकेज के संबंध में शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि शासनादेश में अन्य विभागों यथा कृषि, पशुपालन, डेयरी विभागों की भी योजनाओं को शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि समस्त कृषि एवं ग्रामीण रोजगार से जुड़े विभाग, कृषि, पशुपालन, डेयरी आदि अपनी योजनाओं से लाभाíथयों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मनरेगा से अधिक से अधिक धनराशि का उपयोग सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि गया कि आजीविका साधन पैकेज में भूमिहीन परिवारों को कुक्कट पालन, मछली पालन आदि गतिविधियों के संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों में धन उपलब्ध कराया जाएगा। भूमिहीन परिवारों को योजना में 41 हजार तथा अन्य श्रेणियों में 99 हजार की परिसंपत्ति प्रस्तावित है। भूमिहीन जॉब कार्ड धारक परिवारों को प्राथमिकता में तथा एसईसीसी (सोशियो इकोनॉमी कास्ट सेंसस) में स्वत: सम्मिलित परिवार को द्वितीय वरीयता तथा एक से तीन नाली वाले भूमिधारक परिवार एवं इससे अधिक भूमि धारण श्रेणी के एससी, एसटी व प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव कृषि एवं पशुपालन आर मीनाक्षी सुंदरम, अधिशासी अधिकारी मनरेगा एवं अपर सचिव उदय राज तथा राज्य परियोजना समन्वयक मोहम्मद असलम सहित कृषि, पशुपालन, डेयरी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।