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उत्‍तराखंड : रोडवेज में कोरोना से 21 की गई जान, 127 गंभीर संक्रमित

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रोडवेज प्रबंधन के लिए जनहानि लेकर आई है। अब तक 21 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और 127 गंभीर स्थिति में संक्रमित हैं। तकरीबन 150 कर्मचारी कोरोना को मात दे चुके हैं लेकिन अभी होम आइसोलेशन में हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 01:16 PM (IST)
उत्‍तराखंड : रोडवेज में कोरोना से 21 की गई जान, 127 गंभीर संक्रमित
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रोडवेज प्रबंधन के लिए जनहानि लेकर आई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रोडवेज प्रबंधन के लिए जनहानि लेकर आई है। अब तक 21 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और 127 गंभीर स्थिति में संक्रमित हैं। तकरीबन 150 कर्मचारी कोरोना को मात दे चुके हैं लेकिन अभी होम आइसोलेशन में हैं। इस संबंध में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने राज्य सरकार व रोडवेज प्रबंधन से कोरोना से हुई कर्मचारी की मृत्यु पर आश्रितों को तत्काल 10-10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की है। इसके साथ संक्रमित सभी कर्मचारियों के उपचार का खर्च वहन करने एवं परिवार के खर्च के लिए 20-20 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की गई है। 

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प्रमुख सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा व रोडवेज के प्रबंध निदेशक आशीष चौहान को भेजे पत्र में कर्मचारी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि इस समय रोडवेज कर्मचारी वेतन न मिलने की वजह से खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं। ऊपर से कोरोना संक्रमण भी कर्मचारियों के लिए घातक साबित हो रहा। देहरादून में एक अनुभाग अधिकारी समेत चालक और परिचालक मिला 12 कर्मचारियों की जिंदगी खत्म हो चुकी है।

कर्मचारियों को न लंबित देयकों का भुगतान हो रहा, न ही दिसंबर से वेतन मिला है। मौजूदा समय में पांच महीने का वेतन लंबित है और सरकार एवं प्रबंधन इस दिशा में सोच नहीं रहा। इसके साथ ही जो कर्मचारी गंभीर अवस्था में अस्पताल व होम आइसोलेशन में जिंदगी व मौत से जूझ रहे हैं, उनके पास उपचार का खर्चा तो दूर, खाने-पीने और घर का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं हैं। यूनियन ने कोरोना संक्रमण के कारण हो रहे सीमित संचालन पर डिपो स्तर पर 15 फीसद चालक और परिचालकों को रोस्टर के आधार पर ड्यूटी पर बुलाने व विशेष श्रेणी व संविदा चालक-परिचालकों को न्यूनतम दस हजार रुपये मानदेय प्रति माह देने की मांग की। मुख्यालय-मंडलीय स्तर पर चार सदस्यीय सेल बनाकर कर्मियों की समस्या को दूर करने की मांग की गई। 

इतने हैं गंभीर संक्रमित

  • दून ग्रामीण डिपो: 28
  • पर्वतीय डिपो: 20
  • ऋषिकेश डिपो: 16
  • हल्द्वानी डिपो: 09
  • रुड़की डिपो: 08
  • जेएनएनयूआरएम दून: 07
  • टनकपुर डिपो: 07
  • कोटद्वार डिपो: 07
  • रामनगर डिपो: 05
  • पिथौरागढ़ डिपो: 03
  • रुद्रपुर डिपो: 03
  • हरिद्वार डिपो: 03
  • कार्यशाला दून: 03
  • दिल्ली आइएसबीटी: 02
  • निगम मुख्यालय: 02
  • भवाली डिपो: 02
  • आरएम दफ्तर दून: 01
  • लोहाघाट डिपो: 01

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