गंगा के घाटों पर पर्यटकों व श्रद्धालुओं की लापरवाही पड़ रही भारी, छह माह में इतने व्यक्तियों ने गंवाई जान
ऋषिकेश में गंगा के खतरनाक घाटों पर छह माह में 18 व्यक्तियों अपनी जान गंवाई है। इन घाटों पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं की थोड़ी से लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ जाती है। पुलिस प्रशासन की चेतावानी के बावजूद पर्यटक इन घाटों पर स्नान करते हैं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश के मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला, ऋषिकेश तथा रायवाला थाना क्षेत्र में गंगा के घाटों पर लापरवाही की डुबकी पर्यटकों व श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रही है। गंगा में हुए हादसों के पिछले छह माह के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। बावजूद इसके पर्यटक पुलिस और प्रशासन की चेतावनी को नजरअंदाज कर गंगा के खतरनाक घाटों पर स्नान कर रहे हैं।
तीर्थनगरी आने वाले पर्यटक तथा श्रद्धालु अक्सर गंगा के ऐसे घाटों पर स्नान के लिए पहुंच जाते हैं, जो घाट सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत खतरनाक हैं। दरअसल, यहां पानी का ऊपरी बहाव बेहद धीमा प्रतीत होता है, मगर सतह के नीचे बहाव बेहद तेज होता है। कई स्थानों पर घाटों पर गहरी चट्टानें और तेज भंवर हैं, जिन्हें सामान्य रूप से महसूस नहीं किया जा सकता।
कई बार गंगा में टिहरी व श्रीनगर डैम से छोड़े जाने वाले पानी से भी जलस्तर में अचानक वृद्धि हो जाती है और कुछ ही मिनटों में गंगा का घाट दिखने वाला क्षेत्र टापू की शक्ल ले लेता है। गंगा के घाटों के इस स्वभाव से अपरिचित पर्यटक कई बार इन घाटों पर नहाने की भूल कर बैठते हैं, जो उनके जीवन पर भारी पड़ जाता है। अभी तक सैकड़ों पर्यटक इन घाटों पर अपनी जान गंवा बैठे हैं। गंगा घाटों पर लगातार बढ़ते हादसों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी खासा चिंतित हैं। मगर, कई-कई किलोमीटर तक विस्तार लिए गंगा के घाटों पर पहरेदारी कर पाना संभव नहीं है। पुलिस ने ऐसे घाटों को जाने वाले रास्तों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं। मगर, पर्यटक इनकी अनदेखी कर घाटों तक पहुंच जाते हैं। इन खतरनाक घाटों पर लापरवाही की डुबकी पर्यटकों की जान पर भारी पड़ जाती है।
गंगा के घाटों की खतरनाक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले छह माह में ही ऋषिकेश, मुनिकीरेती, लक्ष्मणझूला तथा रायवाला थाना क्षेत्रांतर्गत गंगा घाटों पर 10 लोग जान गंवा बैठे हैं। इनमें से अधिकांश गंगा घाट ऐसे हैं, जो सामान्य रूप से गंगा स्नान के लिए चिह्नित नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन के समक्ष अब ऐसे घाटों पर सुरक्षात्मक कदम उठाने की जरूरत है।
तीर्थनगरी क्षेत्र में हैं कई खतरनाक घाट
मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में कुछ पक्के घाट ही स्नान की दृष्टि से सुरक्षित हैं। यहां स्नान के लिए जंजीरें लगी हैं और घाट भी अधिक गहरे नहीं हैं। मगर, इनके अलावा अधिकांश घाट खतरे से भरे हैं, जहां अक्सर प्रतिबंध के बावजूद पर्यटक जाने-अनजाने में पहुंच ही जाते हैं। लक्ष्मणझूला क्षेत्र में मस्तराम बाबा घाट, किरमोला घाट, नाव घाट, बांबे घाट, गोवा बीच, गरूड़ चट्टी, फूल चट्टी घाट जबकि मुनिकीरेती क्षेत्र में नाव घाट, तपोवन, नीम बीच, बह्मपुरी व शिवपुरी जबकि ऋषिकेश के बहत्तर सीढ़ी व साईं घाट तथा रायवाला में हरिपुर क्षेत्र के गंगा घाटों पर अक्सर पर्यटकों के डूबने की घटनाएं सामने आती हैं।
पिछले छह माह में गंगा में हुई डूबने की घटनाएं
- 03 अप्रैल- तपोवन के गऊ घाट पर लखनऊ का युवक गंगा में डूबा।
- 10 अप्रैल- जानकी पुल के समीप यमुना नगर का युवक गंगा में डूबा।
- 29 जून- हरियाणा का युवक मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के शिवपुरी में गंगा में डूबा।
- 03 जुलाई- दोस्तों के साथ आया हरियाणा का युवक शिवपुरी में गंगा में डूबा।
- 04 जुलाई- गुरुग्राम हरियाणा का युवक लक्ष्मणझूला के नाव घाट पर डूबा।
- 12 जुलाई- शामिल मुजफ्फर नगर के दो युवक लक्ष्मणझूला के मस्तराम बाबा घाट पर में गंगा में डूबे।
- 19 जुलाई- फरीदाबाद हरियाणा का बुजुर्ग मुनिकीरेती में गंगा में डूबा।
- 04 अगस्त- मुंबई की दो युवतियां व एक युवक तपोवन के समीप गंगा में डूबे।
- 08 अगस्त- गुमानीवाला निवासी व्यक्ति चीला शक्ति नहर के आउटलेट में डूबा।
- 15 अगस्त- सच्चा धाम घाट के समीप लखनऊ का युवक गंगा में डूबा।
- 05 सितंबर- मोबाइल कंपनी के काल सेंटर के दो अधिकारी रामझूला के समीप गंगा में डूबे।
- 03 अक्टूबर- हरियाणा निवासी एक युवती व दो महिलाएं हरिपुरकलां में गंगा में डूबी।
- 03 अक्टूबर- ऋषिकेश निवासी बैंक अधिकारी बहत्तर सीढ़ी पर गंगा में डूबा।
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