उत्तराखंड में 1586 किमी सड़क होंगी चकाचक, 120 गांव जुड़ेंगे
सड़कों को पहाड़ की जीवन रेखा कहा जाता है। इनके बूते ही विकास की राह दूरस्थ गांवों तक पहुंचती है। स्थानीय उत्पादों को कम समय में बाजार तक लाना हो या आपात स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाना। यह सब एक बेहतर सड़क से आसान हो जाता है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। सड़कों को पहाड़ की जीवन रेखा कहा जाता है। इनके बूते ही विकास की राह दूरस्थ गांवों तक पहुंचती है। स्थानीय उत्पादों को कम समय में बाजार तक लाना हो या आपात स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाना। यह सब एक बेहतर सड़क से आसान हो जाता है। इस बजट में भी सड़कों पर विशेष फोकस किया गया है। सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से 1586 किलोमीटर सड़क की दशा में सुधार किया जाएगा।
बजटीय प्रविधानों के मुताबिक आगामी वित्तीय वर्ष में 843 किमी सड़क का नवनिर्माण किया जाएगा, जबकि 743 किमी सड़क का पुनर्निर्माण होगा। 43 पुलों के निर्माण का लक्ष्य भी रखा गया है। वहीं, 120 गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 1511 करोड़ 29 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है।बजट में बताया गया है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में तीन हजार किमी से अधिक सड़क पर नवीनीकरण के काम किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 243 पुलों का निर्माण भी किया जा चुका है।
सड़क सुविधा में यह काम भी होंगे
-देहरादून और हरिद्वार में बाहरी वाहनों का दबाव शहर में कम करने के लिए ङ्क्षरग रोड बनाई जाएगी। इस संबंध में सर्वे चल रहा है।
-हर ब्लॉक मुख्यालय डबल लेन सड़क से जुड़ेगा, ताकि विकास की गतिविधियों में तेजी लाई जा सके।
-विशेष आयोजनागत सहायता से देहरादून में भंडारीबाग रेलवे ओवर ब्रिज का कार्य किया जाएगा। इसका सर्वे किया जा रहा है।
-प्रदेश के विभिन्न मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए 340 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। ये सभी कार्य 31 मार्च तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है।
300 करोड़ से बनेगा दून-मसूरी रोपवे
सड़क, रेल और हवाई परिवहन के साथ रोपवे आधारित परिवहन सेवा का भी विशेष महत्व है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दून को मसूरी से रोपवे के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह रोपवे दुनिया के पांच सबसे लंबे रोपवे में से एक होगा। रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में किया जाएगा। इसके लिए प्राइवेट पार्टनर का भी चयन कर लिया गया है। परियोजना में करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इसी तरह कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर, ठुल्लीगाड से पूर्णागिरी देवी मंदिर, केदारनाथ, नैनीताल, भैरवगढ़ी और कालेश्वर मंदिर क्षेत्र में भी रोपवे निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है।
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