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13 साल से जूहा के पुराने भवन में चल रहा राइंका

संवाद सूत्र त्यूणी तंत्र की उदासीनता से चकराता ब्लॉक के राइंका लाखामंडल को 13 साल में अप

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 07:22 PM (IST)
13 साल से जूहा के पुराने भवन में चल रहा राइंका
13 साल से जूहा के पुराने भवन में चल रहा राइंका

संवाद सूत्र, त्यूणी : तंत्र की उदासीनता से चकराता ब्लॉक के राइंका लाखामंडल को 13 साल में अपना भवन नसीब नहीं हो पाया। जिससे राइंका का संचालन जूनियर हाईस्कूल के पुराने जर्जर भवन में हो रहा है। नए भवन के लिए बजट नहीं मिलने से यहां अध्ययनरत सैकडों ग्रामीण छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भवन और शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित है। लोगों ने सरकार से नए भवन के निर्माण को बजट स्वीकृत करने और खाली पड़े शिक्षकों के पदों को जल्द भरने की मांग की है।

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जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट रही। लाख शिकायत के बाद भी क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार नहीं होने से लोगों में निराशा है। सरकार की ओर से घोषित राज्य के 13 टूरिस्ट डेस्टीनेशन में एक लाखामंडल की शिक्षा व्यवस्था सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। सरकार ने चकराता ब्लॉक के दूरस्थ कांडोई-बोंदूर क्षेत्र से जुड़े करीब दो दर्जन गांवों के छात्र-छात्राओं की सुविधा को वर्ष-2006 में राइंका लाखामंडल की स्थापना की। जिससे दूरस्थ गांवों के विद्यार्थी घर के पास इंटर तक शिक्षा पा सके। लाखामंडल में राइंका तो खुल गया पर नए भवन के निर्माण को तेरह साल में कोई बजट नहीं मिला। जिससे राइंका लाखामंडल का संचालन जूहा के पुराने जर्जर भवन में हो रहा है। वर्तमान में यहां चार सौ से अधिक ग्रामीण छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। भवन की कमी से विद्यार्थियों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। सीमित कक्ष होने से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित है। शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो यहां प्रधानाचार्य का पद सालभर से खाली है। जबकि प्रवक्ता में राजनीतिक विज्ञान, भूगोल व कला और एलटी संवर्ग में हिंदी समेत चार महत्वपूर्ण विषय के शिक्षकों के पद पिछले दो से खाली पड़े हैं। इसके अलावा चतुर्थ श्रेणी के पद भी रिक्त हैं। विद्यालय भवन नहीं होने, शिक्षकों व फर्नीचर की कमी से सैकड़ों छात्र-छात्राओं की पढ़ाई रामभरोसे है। स्थानीय लोगों का कहना है तंत्र की उदासीनता से सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में है। शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते राइंका लाखामंडल के नए भवन निर्माण की कार्रवाई 13 साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरी। जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों ने कहा जूहा के दशकों पुराने जर्जर भवन में चल रहे राइंका की छत से सीमेंट का पलस्टर झड़ने लगा है। जिससे यहां हादसे का खतरा बना है। अगर समय रहते नए भवन निर्माण की कार्रवाई शुरु नहीं हुई तो भविष्य में बड़े खतरे का अंदेशा है। लोगों ने कहा जब पर्यटन स्थल लाखामंडल में शिक्षा व्यवस्था की हालत इतनी बुरी है तो दूरस्थ गांवों का हाल कैसा होगा कहने की जरुरत नहीं। सैकड़ों विद्यार्थियों का भविष्य संकट में देख लोगों ने सरकार से नए भवन निर्माण को बजट स्वीकृत करने व खाली पड़े शिक्षकों के पदों को जल्द भरने की मांग की है। वहीं, खंड शिक्षाधिकारी चकराता डॉ. शूलचंद ने कहा राइंका लाखामंडल में छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में हो रही समस्या के चलते कुछ समय पहले दो अतिरिक्त कक्ष बनाए गए थे। जबकि नए भवन के निर्माण का प्रस्ताव निदेशालय को भेजा गया है। विद्यालय में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने की कार्रवाई चल रही है। कुछ दिन बाद शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी।

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