108 के संचालन को मिली आश्वासन की घुंट्टी
जागरण संवाददाता, देहरादून: आपातकालीन सेवा 108 के संचालन पर मंडरा रहा संकट अब दूर होता दिख
जागरण संवाददाता, देहरादून: आपातकालीन सेवा 108 के संचालन पर मंडरा रहा संकट अब दूर होता दिख रहा है। बुधवार को शासन स्तर पर हुई बैठक में संचालक कंपनी को बकाया भुगतान अगले दो-तीन में करने का भरोसा दिया गया है। बैठक में वित्त व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद थे।
दरअसल, आपात स्थिति में पहाड़ व मैदान में जरूरतमदों को सहायता पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस के पहिये बजट के अभाव में थम गए है। प्रदेशभर में आधे से अधिक 108 एंबुलेंस ठप हैं। क्योंकि कंपनी के कई फील्ड कर्मचारी पिछले कई माह से वेतन न मिलने के कारण छुट्टी पर चले गए हैं। कई जगह पेट्रोल पंप ने ईधन देने से मना कर दिया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग व 108 सेवा का संचालन कर रही कंपनी के बीच बकाया भुगतान को लेकर भी ठनी हुई है। एक तरफ कंपनी प्रबंधन का दावा है कि सरकार पर उसका करीब छह करोड़ से अधिक का बकाया है। जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कंपनी को करीब तीन करोड़ का सरप्लस भुगतान किया हुआ है। इस मामले को लेकर गुरुवार को शासन स्तर पर बैठक हुई। जिसमें दोनों पक्षों अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। त्वरित समाधान के लिए कंपनी को अगले दो-तीन दिन में बकाया राशि का कुछ भुगतान करने का भरोसा दिया गया है। बता दें कि पूर्व में भी बजट नहीं मिलने ने कई मर्तबा राज्य में 108 एंबुलेंस के पहिए थम चुके हैं। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। कंपनी का वर्ष 2008 में राज्य सरकार के साथ अनुबंध हुआ था और बीती मार्च में यह अनुबंध समाप्त हो गया था। जिसके बाद कंपनी को सितंबर 2018 तक छह माह का एक्सटेंशन दिया गया। फिर इसी सितंबर में कंपनी को एक बार और छह माह का एक्सटेंशन दे दिया गया। इस बीच सरकार ने टेंडर की नई प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।