लोनिवि के 103 इंजीनियरों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तलवार
लोक निर्माण विभाग में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई तेज हो गई है। प्रथम चरण में 103 इंजीनियरों की सूची लगभग तैयार हो गई है।
देहरादून, संतोष भट्ट। लोक निर्माण विभाग में अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) की कार्रवाई तेज हो गई है। प्रथम चरण में 103 इंजीनियरों की सूची लगभग तैयार हो गई है। यह सूची स्क्रीनिंग कमेटी के अंतिम निर्णय लेते ही शासन को भेजी जाएगी। इसके अलावा 50 साल की उम्र पार करने वाले विभाग के बाबू से लेकर चीफ इंजीनियरों को भी सीआरएस के लिए चिह्नित किया जा रहा है।
सरकार ने हाल ही में 50 साल की उम्र पार करने वाले कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेजने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग पर बिना काम के बोझ बने कार्मिकों को चिह्नित किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने इसकी शुरुआत जेई से लेकर ट्रिपल एई तक के इंजीनियरों से की है। पहली सूची सिविल, यांत्रिकी, मानचित्रकार एवं कनिष्ठ अभियंताओं की तैयार की जा रही है। इसमें 103 इंजीनियरों को शामिल किया गया है। विभाग ने इनके बारे में जनपदों के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता से रिपोर्ट मांगी है। इसमें राजपत्रित कार्मिकों के लिए वार्षिक गोपनीय आख्या भी तीन स्तर पर और अराजपत्रित कार्मिकों के लिए दो स्तर पर निर्धारित की गई है।
जीएमवीएन बना नजीर
अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गढ़वाल मंडल विकास निगम नजीर बना है। यहां एमडी रहते हुए आइएएस ज्योति यादव ने इस पर मुहर लगाई थी। उन्होंने एक साथ 23 कार्मिकों को सीआरएस दे दिया था। इस निर्णय से कार्मिकों में हड़कंप मच गया था। कुछ दिन पहले केंद्र और राज्य सरकार ने इसको सभी विभागों पर प्रभावी रूप से लागू करने का निर्णय लिया है। इसी दिशा में लोनिवि में भी कार्रवाई की जा रही है।
ये मांगी गई आख्या
अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सूची वाले कार्मिकों की गोपनीय आख्या में 16 कॉलम हैं। इसमें विभाग में नियुक्ति, पद नाम, पदोन्नति का पदनाम, पदोन्नति तिथि, प्रतिकुल प्रवृष्टि, सत्यनिष्ठा रोके जाने, दंडादेश जारी करने, कार्रवाई आदि की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इसी आधार पर सीआरएस की संस्तुति शासन को की जाएगी।
हरिओम शर्मा (प्रमुख अभियंता, लोनिवि) का कहना है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति वाले कार्मिकों की सूची तैयार की जा रही है। वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर सूची बन रही है। अगले सप्ताह तक सूची को शासन को भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होना है।
स्क्रीनिंग कमेटी चिह्नित करेगी, कौन कार्मिक नकारा
प्रदेश में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके भ्रष्ट व नकारा सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर जल्द गाज गिरनी शुरू हो जाएगी। दरअसल, विभागों में ऐसे कार्मिकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए जल्द ही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें शुरू होने जा रही है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने निर्देश दिए हैं कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के संबंध में जिन भी विभागों ने स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक नहीं की है, वे तत्काल बैठक करें और इसकी कार्यवाही की सूचना शासन को दें।
प्रदेश सरकार ने सरकारी कार्यो में पारदर्शिता व तेजी लाने के साथ ही भ्रष्ट व नकारा कार्मिकों पर नकेल कसने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा जाएगा। उन्होंने सभी विभागों को ऐसे कर्मचारियों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। इस कड़ी में मुख्य सचिव पहले भी सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी कर चुके हैं। अब उन्होंने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्षों का ध्यान कार्मिक विभाग के शासनादेश की ओर आकृष्ट करते हुए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 50 वर्ष की आयु प्राप्त किसी भी सरकारी कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्त करने के लिए प्रतिवर्ष स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक किए जाने का प्रावधान है। इसमें यह भी व्यवस्था की गई है कि ये बैठकें प्रतिवर्ष नवंबर तक कर ली जाएं और इस संबंध में समस्त कार्यवाही करने के बाद 31 मार्च तक कार्मिक विभाग को सूचना उपलब्ध कराई जाए। स्पष्ट आदेश होने के बावजूद विभाग प्रतिवर्ष स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें नहीं कर रहे हैं। इस कारण 50 वर्ष पूरे करने वाले कार्मिकों की कार्यदक्षता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है।
इसे देखते हुए सभी अधिकारी 50 वर्ष पूरे करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के संबंध में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें प्रतिवर्ष नियमित रूप से करना सुनिश्चित किया जाए। जिन विभागों में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बैठकें नहीं की गई हैं, वे तत्काल इन बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करें और इसकी सूचना कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराई जाए।
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