Move to Jagran APP

बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड की 100 सड़कें बंद, पैदल नापनी पड़ रही दूरी

बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य की 100 सड़कों पर आवाजाही ठप चल रही है। इससे गांव से लेकर शहर तक आने-जाने वालों को लंबी दूरी पैदल नापनी पड़ रही है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:55 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 10:46 AM (IST)
बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड की 100 सड़कें बंद, पैदल नापनी पड़ रही दूरी
बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड की 100 सड़कें बंद, पैदल नापनी पड़ रही दूरी

देहरादून, जेएनएन। बारिश और भूस्खलन के चलते राज्य की 100 सड़कों पर आवाजाही ठप चल रही है। इससे गांव से लेकर शहर तक आने-जाने वालों को लंबी दूरी पैदल नापनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों और बीमार लोगों को हो रही है। लोनिवि ने 95 मशीनें बंद सड़कों को खोलने के लिए लगाई। मगर, बारिश के चलते सड़क खोलने का कार्य नहीं हो पा रहा है।

loksabha election banner

राज्य में बारिश का कहर सड़कों पर भारी पड़ रही है। सितंबर आधा बीतने वाला है, लेकिन बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में बारिश का कहर ज्यादा बरप रहा है। 

लोनिवि की जारी रिपोर्ट में बताया गया कि बारिश और भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे पर आवाजाही प्रभावित चल रही है। इसी तरह तीन स्टेट हाईवे, पांच मिडिल जिला मार्ग, 34 ग्रामीण सड़कें और 57 प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़ी सड़कें बंद चल रही हैं। इससे पहले 128 सड़कें बंद चल रही थीं। इनमें से 28 सड़कों पर सोमवार देर शाम तक आवाजाही शुरू हो गई थी। सड़कों पर लगातार आ रहे भूस्खलन का मलबा, कटाव एवं धंसाव आवाजाही में बाधा बना हुआ है। 

लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के लिए पर्याप्त मशीनरी लगाई गई हैं। इसके अलावा बंद सड़कों से जुड़े गांव और कस्बों के लिए वैकल्पिक मार्गों पर आवाजाही कराई जा रही है।

लगातार बाधित हो रहे चार धाम यात्रा मार्ग

चार धाम यात्रा मार्गों का लगातार बाधित होने का सिलसिला जारी है। चमोली के लामबगड़ में सोमवार शाम पांच बजे बंद हुआ मार्ग मंगलवार दोपहर एक बजे यातायात के लिए खोला जा सका। सोमवार शाम को लामबगड़ में हाईवे पर मलबा आने से सड़क बंद हो गई थी, जिसके बाद यात्री यहां पर पैदल ही आवाजाही कर दूसरे छोर से वाहनों के जरिये बदरीनाथ धाम पहुंच रहे थे।

एनएच ने सुबह से ही सड़क का मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया था। हाईवे को दोपहर तक सुचारु कर दिया गया, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। दूसरी ओर बागेश्वर में बारिश से घटगाड़ गधेरे में आई बाढ़ से उरेडा का डैम बह गया है। जिससे प्रोजेक्ट ठप होने से पांच गांवों खाती, वाछम, सोरागा, बदियाकोट, कालोन, कुंवारी, डोला, तीख आदि गांवों की बिजली गुल हो गई है।  क्षेत्र में भारी बारिश से एक सप्ताह से संचार सेवा फेल है।

दून में गर्मी और उमस से राहत के आसार नहीं

दून शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में उमस और गर्मी से फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं। कुछ क्षेत्रों में एक-दो दौर तेज बारिश होने की संभावना है,  लेकिन बादल छाये रहने से गर्मी और उमस से राहत नहीं मिलेगी।

बुधवार को भी शहर में उमस और गर्मी ने बेहाल किया। इससे पहले मंगलवार को शहर के कुछ हिस्सों में शाम साढ़े छह बजे हल्की बारिश हुई। इस बूंदाबांदी से उमस और बढ़ गई। हल्के बादल छाये रहने से गर्मी अधिक महसूस की गई। दून का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक 33.4 व न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 

यह भी पढ़ें: मरीज को कुर्सी में बैठाकर कंधों के सहारे 12 किमी तक लाए ग्रामीण

मैदान ही नहीं हिल स्टेशन मसूरी में भी गर्मी परेशान कर रही है। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 24.9 व न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 16.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले 24 घंटे में प्रदेश में कहीं-कहीं तीव्र्र बौछारें पड़ने  की संभावना है। देहरादून में आंशिक रूप से लेकर आम तौर पर बादल छाए रहेंगे। कुछ क्षेत्रों में गर्जन के साथ एक-दो दौर तेज बारिश के भी हो सकते हैं। 

यह भी पढ़ें: कूणा के ग्रामीणों ने आपदा पीड़ि‍तों को दी 52 हजार की मदद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.