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उत्तराखंड में 100 भारी उद्योग मध्यम में शामिल, 60 हजार इकाइयों को भी मिलेंगी ये रियायतें

प्रदेश में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति में किए गए संशोधन का लाभ करीब 60 हजार औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा।

By Edited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:58 PM (IST)
उत्तराखंड में 100 भारी उद्योग मध्यम में शामिल, 60 हजार इकाइयों को भी मिलेंगी ये रियायतें
उत्तराखंड में 100 भारी उद्योग मध्यम में शामिल, 60 हजार इकाइयों को भी मिलेंगी ये रियायतें

देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Cabinet Meeting उत्तराखंड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति में किए गए संशोधन का लाभ करीब 60 हजार औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा। इसकेे साथ ही 100 के करीब इकाइयां, जिन्हें अब तक भारी उद्योग का दर्जा था, वह भी अब एमएसएमई(MSME) के तहत मध्यम श्रेणी में आ गई हैं। यानी अब इन्हें भी एमएसएमई नीति के तहत दी जा रही रियायत मिल सकेंगी। 

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उत्तराखंड कैबिनेट के निर्णय के अनुरूप अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को संशोधित निवेश और टर्नओवर के हिसाब से अलग-अलग परिभाषित किया जा सकेगा। सूक्ष्म श्रेणी में उन उद्योगों को रखा गया है, जिनका निवेशक एक करोड़ रुपये और टर्नओवर पांच करोड़ रुपये तक है। पहले इसमें सिर्फ 25 लाख रुपये तक का निवेश ही शामिल था।
इसके साथ ही लघु उद्यमों में 10 करोड़ रुपये तक के निवेश और पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले उद्यम आएंगे। संशोधन से पहले सिर्फ निवेश की शर्त थी और इस राशि को पांच करोड़ रुपये अधिकतम तय किया गया था। मध्यम उद्यम के लिए यह नियम अब पचास करोड़ रुपये तक के निवेश के साथ 150 करोड़ रुपये तक का टर्नओवर तय किया गया है।
इससे पहले इस श्रेणी के उद्यम के लिए कम से कम पांच करोड़ रुपये और अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का निवेश शामिल था। इस संशोधन को लेकर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि अब विनिर्माण और सेवा सेक्टर को एक ही वर्ग में शामिल कर दिया गया है। वैश्विक स्तर पर एकरूपता लाने के लिए भी यह निर्णय उचित है। 

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