बाराकोट में महिला की संदिग्ध हालात में मौत, जांच में जुटी पुलिस
बाराकोट ग्राम पंचायत में एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी।
लोहाघाट, जेएनएन : बाराकोट ग्राम पंचायत में एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। महिला दो बच्चों की मां बताई जा रही है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरने के बाद पीएम कर परिजनों को सौंप दिया है। मौत के कारणों का पता नहीं लग सका है।
जानकारी के अनुसार सोमवार की देर रात गीता अधिकारी (28) पत्नी मदन सिंह अधिकारी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजन ग्राम प्रधान राजेश अधिकारी की मदद से महिला को प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी लोहाघाट लाए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका का 11 वर्षीय बेटी और छह वर्ष का बेटा है। एसआइ देवेंद्र सिंह मेहता ने बताया कि मंगलवार को परिजनों की मौजूदगी में शव का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के बाद उसे घर वालों को सौंप दिया गया है। पीएम प्रभारी सीएमएस डा. जुनैद कमर, डा. ज्ञानेंद्र प्रकाश व डा. सोलानी मंडल की टीम ने किया। इस घटना से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मृतका के बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है। महिला की मौत किन परिस्थितियों में हुई अभी इसके कारणों का पता नहीं लग पाया है। एसआइ देवेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के कारणों का पता लग सकेगा। अलबत्ता देर शाम तक किसी की ओर से थाने में इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं लिखाई गई है। ======= बाराकोट पीएचसी में स्वास्थ्य सेवा की बदहाली पर आक्रोश
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : बाराकोट पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर स्थानीय जनता में आक्रोश पैदा हो गया है। उनका कहना है कि अस्पताल में बेहतर सुविधा होती तो तबीयत बिगड़ने के बाद सोमवार की रात गीता अधिकारी को लोहाघाट नहीं ले जाना पड़ता। लोगों का कहना है कि उपचार मिलने में देरी के कारण गीता की मौत हुई। लड़ीधुरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष नगेंद्र जोशी ने बताया कि बाराकोट पीएचसी की स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे है। एक मात्र डाक्टर के भरोसे अस्पताल को छोड़ दिया गया है। बताया कि दुर्घटना या अन्य कोई इमरजेंसी होने पर इलाके के लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। तहसील व ब्लाक मुख्यालय होने के बाद भी अस्पताल की बदहाली से क्षेत्र की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। ग्रामीण मोहन चंद्र जोशी, हरीश सिंह, जगदीश जोशी, कैलाश सिंह, विक्रम अधिकारी आदि ने बताया कि डा. मंजीत सिंह सीमित संसाधनों के बाद भी मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की आबादी अधिक होने और जरूरी संसाधन न होने से अधिकांश मरीजों को लोहाघाट या फिर चम्पावत रेफर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आपात परिस्थिति मे क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए 108 एंबुलेंस भी नहीं है। दुर्घटना होने या फिर अन्य गंभीर बीमारी के दौरान लोहाघाट से एबुंलेंस बुलाई जाती है। उन्होंने अस्पताल की बदहाली दूर न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।