Move to Jagran APP

वन विभाग को राहत, जल संस्थान को करना पड़ेगा और इंतजार

बारिश से जलस्रोत तो रिचार्ज नहीं हुए लेकिन वनों की आग जरूर बुझ गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 10:24 PM (IST)
वन विभाग को राहत, जल संस्थान को करना पड़ेगा और इंतजार
वन विभाग को राहत, जल संस्थान को करना पड़ेगा और इंतजार

संवाद सहयोगी, चम्पावत : पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से खेतों में पौधों के ग्रोथ करने लायक नमी हो गई है। इससे आग से धधक रहे जंगलों को भी राहत मिली है। हालांकि तीन दिन में महज 11 एमएम बारिश से सूखने की कगार पर पहुंचे जल स्रोतों को जीवनदान नहीं मिल पाया है। बुधवार को भी दोपहर बाद जिले के कई हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश हुई।

loksabha election banner

कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा विज्ञानी डा. एमपी सिंह ने बताया कि तीन दिन में जो बारिश हुई है वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। बारिश सब्जी पौधों के लिए उपयोगी है लेकिन रबी की फसलों के लिए अभी भी पर्याप्त नहीं है। आलू की सूख रही फसल के लिए बारिश काफी अच्छी साबित होगी। उन्होंने बताया कि रबी फसलों के लिए इस समय कम से कम 35 से 40 एमएम बारिश की आवश्यकता है। तीन दिन में सिर्फ 11 एमएम बारिश हुई है। इधर जंगलों में नमी के कारण वनाग्नि की घटनाएं थम गई हैं। इससे वन विभाग ने राहत की सांस ली है। पिछले तीन दिनों में वनाग्नि की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। इधर पेयजल महकमे को इस बारिश रत्ती भर भी निजात नहीं मिली है। सूख रहे जल स्रोतों के रिचार्ज होने के लिए लगातार अच्छी बारिश होना जरूरी है। जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता पवन बिष्ट ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों में सूख रहे पेयजल स्रोतों की स्थिति वही है जो आज से चार दिन पूर्व थी। स्रोतों में पानी की कमी से 130 योजनाओं से नलों में हर तीसरे या दूसरे दिन पानी की सप्लाई हो पा रही है। ========= पेयजल संकट बरकरार

चम्पावत : जिला मुख्यालय समेत विभिन्न नगरों व ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट लगातार जारी है। चम्पावत, लोहाघाट, पाटी के संकटग्रस्त इलाकों में जल संस्थान विभागीय टैंकर और पिकअप से पानी बाट रहा है। जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता परमानंद पुनेठा ने बताया कि मादली, छतार, मोटर स्टेशन, तल्लीहाट, मल्लीहाट, जीआइसी रोड और कनलगाव आदि इलाकों में दो विभागीय टैंकर और तीन पिकअप वाहनों से पानी का वितरण किया जा रहा है। बत स्त्रोतों में जल स्तर बेहद कम हो गया है। इस वजह से पाइप लाइन से एक दिन छोड़ कर पानी का वितरण किया जा रहा है। इधर लोहाघाट, पाटी, भिंगराड़ा, देवीधुरा, पुल्ल हिडोला आदि क्षेत्रों में बुधवार को भी पानी के लिए लोगों को गाड़ गधरों की दौड़ लगानी पड़ी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.