वोट पाने के लिए हर चुनाव में नेताओं ने दिखाया सड़क का सपना
चम्पावत जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर कोट अमोड़ी गांव के लोगों ने इस बार फिर से रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करने का निर्णय लिया है।
संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर कोट अमोड़ी गांव के लोगों को हर बार विधान सभा चुनाव में सड़क का सपना दिखाया गया। मतदाताओं ने भी सपने को साकार करने के लिए वोट डाले, लेकिन उनका सपना आज तक पूरा नहीं हो पाया है। इस बार यहां के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का विकल्प अपनाने का निर्णय लिया है।
विधायक कैलाश गहतोड़ी के प्रयास से गांव के लिए प्रस्तावित आठ किमी लंबी सड़क के लिए चार माह पूर्व राज्य योजना के तहत टोकन मनी तो जारी कर दी गई थी, लेकिन लोनिवि ने सड़क निर्माण की कवायद शुरू नहीं की। इससे ग्रामीणों में काफी रोष है। युवा संजय भट्ट, बुजुर्ग शिवदत्त भट्ट, बलदेव भट्ट आदि ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के बाद रोड निर्माण के लिए कोई कार्रवाई होगी इस बात में उन्हें संदेह है। उन्हें इस बात का दुख है कि राज्य बने 21 साले पूरे होने के बाद भी उनके गांव को सड़क सुविधा से वंचित किया गया है। सड़क न होने के कारण गांव से लगातार पलायन हो रहा है। आज से 10 साल पहले गांव में 400 सौ से अधिक परिवार निवास करते थे जो अब घटकर महज 100 रह गए हैं। मरीजों को डोली के सहारे चार किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक लाया जाता है। बताया कि सड़क न होने से पांचवीं की पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राओं को पैदल ही पांच किलोमीटर दूर अमोड़ी बाजर में जाना पड़ता है। उनका कहना था कि राज्य गठन के बाद अब तक हुए चार विधान सभा चुनावों में हर बार राजनीतिक दलों के दावेदारों ने सड़क के नाम पर वोट मांगे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद गांव की ओर मुंह तक नहीं फेरा नाराज ग्रामीणों ने इस बार विधान सभा चुनाव में रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद कर मतपेटियों को खाली भेजने का निर्णय लिया है।