बड़े वाहनों की रोक के बावजूद भी दिन भर ऑलवेदर रोड पर दौड़ते रहे ट्रक
टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला के पास पहाड़ कटिंग के पास पहाड़ कटिंग के चलते प्रशासन ने दो दिन तक बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई है।
संवाद सहयोगी, चम्पावत/टनकपुर : टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला के पास पहाड़ कटिंग के चलते मार्ग संकरा हो जाने के चलते प्रशासन ने दो दिन के लिए बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक जरूर लगा दी गई लेकिन रोडवेज बसों को छोड़ दिन भर ट्रक व कैंटर चलते रहे। जिससे कार्यदायी कंपनी को कार्य करने में असुविधा तो हुई ही साथ ही कई बार ट्रक व कैंटर के खाई में गिरने का भय बना रहा। इधर प्रशासन ने गुरुवार को भी बडे़ वाहनों की आवाजाही बाधित की है।
टनकपुर से चम्पावत के बीच ऑल वेदर रोड के निर्माण के तहत स्वाला व बेलखेत में पहाड़ कटिंग का कार्य चल रहा है। बेलखेत में कटिंग के लिए प्रशासन ने नदी से वैकल्पिक मार्ग से यातायात सुचारू कर दिया लेकिन स्वाला में कटिंग के चलते मार्ग बहुत संकरा हो गया है। जिससे बड़े वाहनों के निकलने में काफी दिक्कत हो रही है। मंगलवार को रोडवेज की दो बसें तो खाई में गिरने से बाल-बाल बच गई। जिसको देखते रोडवेज चालकों ने मार्ग से बस को ले जाने से मना कर दिया। जिस पर एडीएम टीएस मर्तोलिया ने पुलिस की रिपोर्ट पर 11 व 12 दिसंबर को बड़े वाहनों के लिए रूट डायवर्ट कर दिया। लेकिन बुधवार को रोडवेज बस को छोड़कर दिन भर ट्रक व कैंटर दौड़ते रहे। पुलिस ने इन वाहनों को रोकने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं। बुधवार को स्वाला के पास ट्रक व कैंटर चालक डरते-डरते वाहन को निकालते रहे। इधर मार्ग अवरूद्ध के चलते परिवहन निगम प्रबंधन द्वारा यात्रियों की सुविधा को देखते हुए टनकपुर-खटीमा से बाया हल्द्वानी वाले मार्ग से चम्पावत, लोहाघाट व पिथौरागढ के लिए संचालन शुरू किया गया है।
प्रशासन द्वारा कहा गया कि मार्ग के कार्य को देखते हुए बडे़ वाहनों की आवाजाही गुरूवार को भी बंद रहेगी। वही टनकपुर पुलिस ने बडे़ वाहनों को ककरालीगेट के पास रोक दिया। ========== वैकल्पिक मार्ग ही निकालेगा स्वाला का हल
स्वाला मंदिर की यह पहाड़ी दिन प्रतिदिन और खतरनाक होती जा रही है। जैसे-जैसे कंपनी कटिंग कर रही है वैसे-वैसे बोल्डरों के गिरने से जहां मार्ग संकरा होता जा रहा है वहीं छोटे-छोटे पत्थरों के गिरने का भी भय बना हुआ है। जिससे कभी भी अनहोनी हो सकती है। वहीं निरंतर यातायात चालू होने की वजह से इस पहाड़ी को काटने में दो से तीन माह लग सकते है। ऐसे में इस पहाड़ी का काटने में प्रशासन को वैकल्पिक मार्ग की तलाश करनी होगी। करीब दस से 15 दिन मार्ग बंद होने के बाद कार्यदायी कंपनी पहाड़ी का काटने में सफल हो पाएगी। या फिर कंपनी को जल्द कार्य करने के लिए ब्लास्टिंग का सहारा लेना पड़ेगा। ========= यह हो सकता है वैकल्पिक मार्ग
पहाड़ी को काटने के लिए प्रशासन धौंन दियूरी से होते हुए बेलखेत तक मार्ग का प्रयोग कर सकता है। हालांकि मार्ग में कई जगह स्लाइड हैं जिसे हटाकर मार्ग को सुचारू किया जा सकता है। या फिर प्रशासन छोटे वाहनों को रीठासाहिब होते हुए सूखीढांग व बड़े वाहनों को देवीधुरा से हल्द्वानी होते हुए भेजे। यह वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग करने के बाद जब प्रशासन मार्ग को पूर्ण रूप से बंद करेगा तभी कार्य में तेजी आ सकेगी। ========== स्वाला मंदिर की इस पहाड़ी का काटने के लिए प्रशासन से वैकल्पिक मार्ग से यातायात सुचारु कर एनएच को कुछ दिनों के लिए बंद करने की वार्ता की जा रही है। एनएच के बंद होने के बाद ही कटिंग कार्य में तेजी लाने की संभावना है।
=एलडी मथेला, ईई, एनएच