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इस बार मां भगवती के वायुरथ पर सवार नहीं होंगे देव डांगर

रक्षाबंधन के दिन होने वाले सुई विशुंग के प्रसिद्ध वायुरथ महोत्सव में कोरोना का असर देखने को मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:10 AM (IST)
इस बार मां भगवती के वायुरथ पर सवार नहीं होंगे देव डांगर
इस बार मां भगवती के वायुरथ पर सवार नहीं होंगे देव डांगर

लोहाघाट, जेएनएन : कोरोना संक्रमण काल का असर रक्षाबंधन के दिन होने वाले सुई विशुंग के प्रसिद्ध अषाड़ी वायुरथ महोत्सव में भी दिखेगा। इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब आदि शक्ति मां भगवती के रथ पर देव डांगर आरुढ़ नहीं होंगे। रथ में चार द्योली केदेवी देवताओं के आयुधों को प्रतिष्ठिापित कर उन्हें पांच गांव सुई और बीस गांव विशुंग की परिक्रमा कराई जाएगी। देवी रथ को गिने चुने लोग ही कंधे में रखकर 25 गांवों की परिक्रमा कराएंगे। गुप्त प्योली यात्रा से लेकर दूध की गाल खाने, देवी रथ को ले जाने और वापस आदित्य महादेव मंदिर लाने तक नियमों का पूरा पालन किया जाएगा।

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अषाढ़ी वायुरथ महोत्सव सुईं विशुंग की बैठक में चार द्योली के देव डांगरों ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि शुभ मुहुर्त के अनुसार गुप्त प्योली को 30 जुलाई को शाम पांच बजे भगवती मंदिर से आदित्य महादेव मंदिर ले जाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन होने वाले मुख्य मेले के दिन सुई के आदित्य महादेव मंदिर से सुई विशुंग के 25 गांवों की परिक्रमा के लिए निकलने वाले देवी रथ में इस बार देव डांगर सवार नहीं होंगे बल्कि चार द्योली के सभी देवी देवताओं की आयुधों एवं उनकी पताकाओं को रथ में विराजमान किया जाएगा। यह रथ परंपरा के अनुसार सुई-विशुंग की परिक्रमा करेगा। महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्याम दत्त चौबे व संरक्षक सचिन जोशी ने बताया मुख्य मेले के दिन प्योले को देव डांगरों के साथ कड़ाई मंदिर ले जाएगा उसके बाद वापस आदित्य देव मंदिर वापस आकर भगवती मंदिर में पूजा अर्चना के साथ मेले का समापन कर दिया जाएगा। बताया कि इस बार महोत्सव का स्वरूप धार्मिक मेले तक सीमित कर दिया गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिताएं नहीं होंगी। मेले में लगने वाली दुकानों भी इस बार नहीं लगेंगी। समिति द्वारा पांच दिन तक लोगों को कोरेाना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। बैठक में मा भगवती के पुजारी दिनेश चंद्र चौबे, आदित्य महादेव के पुजारी मदन पुजारी, देव डागर जगदीश पुजारी, दीवान सिंह, रमेश चौबे, डॉ. महेश ढेक, सुनील चौबे, राकेश करायत, डीके महारा, नितिन मुरारी, हेम जोशी, केशव दत्त चौबे, योगेश ओली, दान सिंह बिष्ट, निर्मल ओली, राजेश चौबे, मुकेश राम व ग्राम प्रधान भुवन चौबे आदि मौजूद रहे।


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